सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल और घटती, वैवाहिक संतुष्टि के बीच सीधा संबंध है. सोशल मीडिया वैवाहिक जीवन की गुणवत्ता और प्रसन्नता को कम कर रहा है. इस से तलाक के मामले लगतार बढ़ रहे हैं. कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर नामक पत्रिका के एक अध्ययन के मुताबिक फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 20 फीसदी की वार्षिक वृद्घि के साथ तलाक दर में 2.18 से 4.323 फीसदी तक की वृद्घि दर्ज की गई है.

सुनने में भले ही अजीब लगे पर यह सच है कि सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर आप का व्यवहार आप के जीवनसाथी का दिल दुखा सकता है. यह बात बहुत से अध्ययनों में स्पष्ट हो चुकी है. रिश्तों के मनोविज्ञान में सोशल मीडिया की उलझनें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी हैं. अध्ययनों के मुताबिक, जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते वे अपनी वैवाहिक जिंदगी में 11 फीसदी तक अधिक प्रसन्न रहते हैं.  सोशल मीडिया किस तरह से रिश्तों को प्रभावित कर रहा है, यह बात हालफिलहाल की इन घटनाओं से स्पष्ट है-

दिल्ली की गीता कालोनी इलाके में एक युवक ने खुद को इसलिए गोली मार ली क्योंकि उसे शक था कि उस की बीवी का किसी पुलिस वाले के साथ अफेयर चल रहा है.  हसीन नाम के इस 32 वर्षीय युवक ने 14 जून की सुबह अपनी पत्नी का मोबाइल देखा तो उस में एक पुलिस वाले से की गई चैटिंग नजर आई. इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ. झगड़े के दौरान हसीन ने खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली.  पुणे में 34 साल के आईटी प्रोफैशनल राकेश ने जनवरी में पत्नी की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली. वजह बहुत छोटी सी थी. राकेश की पत्नी सोनाली ने पर्सनल चीजें व्हाट्सऐप पर शेयर की थीं.

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