विशाल अपनी मोटरसाइकिल से फोरलेन हाईवे से गुजर रहा था. उस के मोबाइल की घंटी बजने पर वह फोन पर बात करने में लग गया. उस का पूरा ध्यान बात करने में था, कि अचानक एक चौराहे पर सामने से आ रहे ट्रक से उस की भिड़ंत हो गई. मोटरसाइकिल तो चकनाचूर हुई ही, मौके पर उस की मौत भी हो गई. टक्कर जबरदस्त थी, मोबाइल हाथ से छूट कर दूर जा गिरा था.
रोहित अपनी कार से जा रहा था कि उस का मोबाइल बजा. यह देखने के लिए कि किस का है, उस ने अपना ध्यान सामने से हटाया. ध्यान हटते ही उस की कार डिवाइडर पर चढ़ती हुई दूसरी ओर चली गई. उधर से तेज गति से एक ट्रक आ रहा था जिस की चपेट में वह आ गई. रोहित के साथ उस की बीवी, बच्चे भी थे. चारों की दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई.
अहमदाबाद से एक टूरिस्ट बस अपने गंतव्य के लिए निकली ही थी कि ड्राइवर का मोबाइल बज उठा. बात रात 11 बजे की है. मोबाइल पर वह सामने वाले से झगड़ रहा था. ऐसे में उस का ध्यान भटक गया और बस 40 फुट गहरी खाई में गिर गई. बस में सवार 40 लोगों में से केवल 3 ही बचे. जो बचे, उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
जरा सोचिए, जब बस का ड्राइवर मोबाइल पर किसी से बात करता है तो अपनेआप को कितने असुरक्षित मानते होंगे. कुछ जागरूक यात्री ड्राइवर को इस के लिए मना भी करते हैं, लेकिन वह मानता नहीं. नतीजा दुर्घटना के रूप में सामने आता है. एक ही लापरवाही या गलती का परिणाम सभी निर्दोष यात्रियों को भुगतना पड़ता है.