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विश्व के सब से बड़े आर्ट फैस्टिवल एडिनबर्ग फ्रिंज में जब मुंबई के रेड लाइट एरिया की 15 कलाकारों ने ‘लाल बत्ती ऐक्सप्रैस टू’ नामक नाटक का मंचन किया, तो सभी दर्शक दंग रह गए. एनजीओ ‘क्रांति’ की इन लड़कियों की उम्र 15 से 23 वर्ष है. इन्होंने अपने संवाद और नृत्य द्वारा खुद पर होने वाले जुल्म, शोषण और डिप्रैशन की कहानी दर्शकों के आगे नाटक के जरिए इस तरह पेश की कि वे अपने अनुभव भी उन के साथ बांटने लगे.
अच्छी बात यह रही कि इन क्रांतिकारी लड़कियों ने इस नाटक द्वारा समाज और दुनिया के आगे एक क्रांति लाने की कोशिश की है, जिस में वे सफल रहीं और विश्वपटल पर 1 लाख शोज में उन का 10वां स्थान रहा. यह नाटक इन क्रांतिकारी लड़कियों द्वारा ही लिखा व निर्देशित किया गया है. पूरे यूरोप में इन लड़कियों ने इस नाटक के 57 परफौर्मेंस दिए. इतना ही नहीं, इस नाटक को बीबीसी ने भी दिखाया, जो उन के पिछले 10 वर्षों के रिकौर्ड को तोड़ कर सब से अधिक दर्शकों का हकदार बना.
हर जगह मिली प्रशंसा
यह नाटक अलग तरह का है, जिस में नाटक के दौरान कुछ दर्शकों को उस में शामिल कर पात्र के अनुसार अभिनय करने के लिए कहा जाता है. इस में पहले उन्हें कुछ जानवर बनने के लिए कहते हैं. लेकिन ज्यों ही उन्हें सैक्सवर्कर बनने के लिए कहा जाता है, वे चुप हो जाती हैं. यह भाव और यह सोच दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर वे खुद ऐसा क्यों सोचते हैं. कितना मुश्किल होता है एक सैक्सवर्कर बनना और शायद यही वजह है कि यह नाटक हर जगह पसंद किया जा रहा है.