भारतीय जनता पार्टी के लिए सब से आसान काम है दलितों व पिछड़ों को बेवकूफ बनाना, वह भी इस तरह कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. दलितों व आदिवासियों को संविधान बनने के समय और शूद्र व पिछड़ों को मंडल आयोग द्वारा मिला संवैधानिक आरक्षण सीधे खत्म करने का जोखिम उठाने से बच रही भाजपा इस थ्योरी पर चल रही है कि आरक्षण को कमजोर कर उस की अहमियत ही खत्म कर दो और ऐसे करो कि आरक्षित तबका भौचक्का, मुंह ताकता रह जाए कि आखिर हो क्या रहा है.

चुनावी साल में फूंकफूंक कर कदम रख रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकसर अपनी छाती ठोंक कर कहते रहते हैं कि जब तक वे हैं, कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता. लेकिन दलितों के हितों के दावे करते रहने वाले शिवराज सिंह चौहान आरएसएस की आरक्षण खत्म करो की मंशा पूरी करने के लिए जिन नएनए टोटकों का आविष्कार कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र पहले 58 से 60 व अब 60 से 62 साल कर देना उन में से एक है. इन दिनों रोज दर्जनों घोषणाएं कर चुनावी तैयारियों में जुटे शिवराज सिंह ने एक अहम फैसला यह लिया है कि अब राज्य में सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमैंट की उम्र 62 साल होगी. यह घोषणा वाकई अहम है जिस से उन्होंने एक तीर से एक ही निशाना साधा है. उन की मंशा हर किसी की समझ में नहीं आ रही कि यह आरक्षण को कमजोर करने की साजिश है और इस का बड़ा असर दलित आदिवासियों व पिछड़े वर्ग के बेरोजगार नौजवानों पर पड़ेगा. यह है घोषणा

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...