अनीता कुंडू ऐसी हिम्मती लड़कियों में से एक हैं, जिन्होंने हरियाणा के हिसार जिले के बहुत ज्यादा पिछड़े गांव फरीदपुर से निकल कर अपने कदमों को इतना विशाल बनाया कि वे दुनिया की सब से ऊंची चोटी ऐवरैस्ट पर जा बैठीं. वह भी एक बार नहीं, बल्कि 2 बार. अनीता कुंडू ने पहली बार 18 मई, 2013 को नेपाल के रास्ते से यह उपलब्धि हासिल की थी. इस के बाद उन्होंने 21 मई, 2017 को दोबारा यह अजूबा किया था, वह भी चीन के रास्ते से जा कर. ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं. ऐसे मिली प्रेरणा अनीता कुंडू ने अपने बारे में बताते हुए कहा, ‘‘मेरे पिता किसान थे और जमीन भी नाम की ही थी. ज्यादा दिक्कत तो तब आई, जब साल 2001 में मेरे पिता की मौत हो गई थी. उन की मौत के कुछ दिन बाद ही नातेरिश्तेदार मेरी शादी के लिए घर वालों पर दबाव बनाने लगे, जबकि मेरे पिता का सपना था कि मैं खेल में इंटरनैशनल लैवल पर नाम कमाऊं. लिहाजा मैं ने मना कर दिया. बहुत से लोग हमारे खिलाफ हो गए.
‘‘12वीं क्लास पास करने के बाद मैं कालेज जा कर आगे की पढ़ाई करना चाहती थी, पर आसपड़ोस के लोगों ने इसे ठीक नहीं माना. गांव की कई औरतें मेरी मां के कान भरती रहती थीं, लेकिन अनपढ़ होने के बावजूद मां ने हिम्मत दिखाई और मुझे कालेज भेजा. ‘‘मैं साल 2008 में हरियाणा पुलिस में बतौर सिपाही भरती हुई थी. उन्हीं दिनों हमारे पुलिस महकमे ने पर्वतारोहण के फार्म निकाले थे. इस से मेरे मन में उम्मीद की किरण जगी थी.