Soumya Swaminathan : सौम्या स्वामीनाथन हाल ही में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक थीं. भारत लौटने पर उन्होंने फरवरी,2023 में ‘एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन’ (एमएसएसआरएफ) के अध्यक्ष का पद संभाला. उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया है.
सौम्या स्वामीनाथन भारत की प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञा और टीबी तथा एचआईवी पर विश्व स्तर पर मान्यताप्राप्त शोधकर्ता भी हैं. वे क्लीनिकल केयर और रिसर्च में अपने साथ 40 वर्षों का अनुभव ले कर आई हैं और उन्होंने अपने पूरे कैरियर में अनुसंधान को प्रभावशाली कार्यक्रमों में बदलने के लिए काम किया है.
डा. स्वामीनाथन 2015 से 2017 तक भारत सरकार में स्वास्थ्य अनुसंधान सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की महानिदेशक थीं. 2009 से 2011 तक उन्होंने जिनेवा में यूनिसेफ/यूएनडीपी/ विश्व बैंक/डब्ल्यूएचओ विशेष कार्यक्रम के कोऔर्डिनेटर के रूप में भी काम किया.
शानदार कैरियर
सौम्या ने भारत, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी ऐकैडमिक ट्रेनिंग प्राप्त की. वे यू.एस. ‘नैशनल ऐकैडमी औफ मैडिसिन,’ यू.के. की ‘ऐकैडमी औफ मैडिकल साइंसेज’ और भारत में सभी विज्ञान ऐकैडमियों की फेलो हैं. उन्हें कई मानद डाक्टरेट की उपाधियां मिली हैं, जिन में ‘कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट,’ ईपीएफएल, लाजेन और लंदन स्कूल औफ ट्रौपिकल मैडिसिन ऐंड हाइजीन शामिल हैं. वे कई राष्ट्रीय और वैश्विक सलाहकार निकायों और समितियों में काम करती हैं. वे स्वीडन में कैरोलिंस्का विश्वविद्यालय और अमेरिका के बोस्टन में टफ्ट्स विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफैसर हैं.
सौम्या स्वामीनाथन एलायंस बायोवर्सिटी, कोलिशन फौर ऐपिडैमिक प्रिपेयर्डनैस इनोवेशन (सीईपीआई), फाइंड, पौपुलेशन फाउंडेशन औफ इंडिया की बोर्ड सदस्या हैं. वे तमिलनाडु जलवायु परिवर्तन मिशन की गवर्निंग काउंसिल की सदस्य और आईसीएमआर के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की अध्यक्षा भी हैं.
डब्ल्यूएचओ के उध्याटन मुख्य वैज्ञानिक के रूप में डा. स्वामीनाथन ने रिसर्च, क्वालिटी इंश्योरैंस औफ क्राइटेरिया ऐंड स्टैंडर्ड्स और डिजिटल हैल्थ पर ध्यान केंद्रित करते हुए विज्ञान प्रभाग का निर्माण किया.
नेतृत्व व योगदान
सौम्या ने महामारी के दौरान डब्ल्यूएचओ में वैज्ञानिक प्रयासों के समन्वय के साथसाथ निम्न और मध्य आय वाले देशों में समान वैक्सीन वितरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोवैक्स की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोफैसर और डा. सौम्या स्वामीनाथन को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के लिए प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त किया.
उन का वर्तमान ध्यान जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों को दूर करने तथा भारत और क्षेत्रीय स्तर पर पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खाद्य प्रणाली में परिवर्तन लाने पर है. पब्लिक हैल्थ और साइंटिफिक रिसर्च के क्षेत्रों में उन के नेतृत्व और योगदान को देखते हुए उन्हें गृहशोभा इंस्पायर्ड अवार्ड के तहत नेशन बिल्डिंग आइकोन अवार्ड से नवाजा गया.
महिलाओं के दिमाग का लोहा दुनिया ऐसे ही नहीं मानती, सौम्या स्वामीनाथन जैसी महिलाओं के ऐसे बड़े कामों की वजह से यह संभव हो पाया है. साइंस, टैक्नोलौजी, सोशल या फिर किसी भी फील्ड का नाम ले लें महिलाएं पुरुषों के बराबर ही नहीं बल्कि उन से आगे निकल चुकी हैं. हैल्थ का क्षेत्र हो या फिर साइंटिफिक रिसर्च की बात हो सौम्या ने बिना थके बिना रूके जो काम अभी तक किया है उसे दोगुनी ऊर्जा से आगे ले जाने को तैयार हैं. आधी आबादी को सौम्या से प्रेरणा ले कर आगे आना चाहिए और अपने योगदानों से खुद की नई पहचान बनानी चाहिए.