जब किसी भारी भरकम नेता का घरेलू किस्सा सामने आता है. तब वही ज्यादा चर्चा में होता है. पत्नी रत्ना के साथ ममता बनर्जी सरकार में कैबिनेट मंत्री सोवन चट्टोपाध्याय का जो डिवोर्स का मामला चल रहा है, उसके कारण उनका मंत्री पद छिन गया और अब उनकी मेयर की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है.

असल में ये सारा मामला मंत्री सोवन और एक शादीशुदा लड़की बैसाखी बंदोपाध्याय को लेकर शुरू हुआ है जिसकी शुरुआत सोवन की पत्नी रत्ना ने उन दोनों के संबंधों पर ऊंगली उठा कर की. इसके प्रतिरोध में सोवन ने भी अपनी पत्नी पर भी चरित्रहीन होने का आरोप लगाया, जिसके चलते आरोपों प्रत्यारोपों का यह दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.

सोवन का कहना है की उनकी पत्नी का किसी अभिजीत नाम के शख्स के साथ प्रेम संबंध है साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया की उनके जन्मदिन पर उनकी पत्नी रत्ना ने उनके केक में जहर मिला दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा की रत्ना ने उनकी दोस्त बैसाखी और उनके बेटों को मारने के लिए एक सुपारी किलर का सहारा लिया.

इस सब मामले पर अभी बैसाखी बंदोपाध्याय का कोई कमेंट बाहर नहीं आया है. लेकिन कुछ ही दिन हुए बैसाखी ने सोवन और उनकी दोस्ती पर मुहर लगाई थी. उन्होंने तब कहा था कि वह सिर्फ सोवन की ही नहीं बल्कि सावन और रत्ना दोनों की ही पारिवारिक दोस्त हैं. मगर रत्ना ने पलटवार करते हुए कहा की बैसाखी सिर्फ सोवन की दोस्त हैं उनकी नहीं.

इन आरोपों के जवाब में अभिजीत ने हंसते हुए कहा, “रत्ना मेरी बहन जैसी है, सोवन भाई बहन के रिश्तों पर तोहमद लगा रहा है. ” इस बारे में रत्ना से पूछने पर उन्होंने कहा,”अभिजीत मेरे से 15 साल छोटा और भाई जैसा है. सोवन ने हमारे इज्जतदार रिश्ते पर ऊंगली उठा के ठीक नहीं किया.”

रत्ना ने यह भी कहा की, “जिस केक में जहर की बात सोवन कर रहे हैं वो सरासर झूठी है, वही केक मेरे बच्चों ने भी खाया था. और मैंने कोई सुपारी किलर बैसाखी को मारने के लिए नहीं भेजा. अपनी बचत के पैसों से मैं अपने बच्चों को पालूंगी, सोवन मेरे बच्चों के लिए एक रुपया भी नहीं खर्चता.”

दूसरी ओर सोवन ने कहा,” बैसाखी के साथ मेरी कोई खास दोस्ती नहीं है. वो मेरी एक अच्छी दोस्त हैं. मेरे बुरे दिनों में उन्होंने मेरा साथ दिया था. उन दिनों को मैं कभी नहीं भूलूंगा. मेरे  साथ खड़े लोगों के सम्मान की रक्षा के लिए मुझे जो करना होगा करूंगा, जो छोड़ना होगा छोड़ दूंगा.”

रत्ना का कहना है की वह मानहानी का मामला करके कंपनसेशन नहीं चाहतीं, वह जज साहब को रिक्वेस्ट करेंगी कि सोवन चट्टोपाध्याय को 10 बार कान पकड़कर उठक बैठक करने की सजा दें.

इतना कुछ होने के बाद भी रत्ना ने कहा,” घर तोड़कर सोवन ने गलत काम किया है, अपना घर छोड़  दूसरों का साथ देना उनके पौलिटिकल करियर के लिए कफन में आखिरी कील गाड़ने जैसा होगा.

इन सब आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच सोवन को अपने मंत्री पद के साथ-साथ अपना घर भी छोड़ना पड़ा है. सी.एम. ममता बनर्जी ने सोवन का इस्तीफा पत्र स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही उन्हें कोलकाता कौर्पोरेशन के मेयर पद से भी इस्तीफा देने के लिये निर्देश दे दिया गया है.

पती-पत्नी का यह व्यक्तिगत मामला पब्लिक हो गया है और काफी चर्चा में है. अब इसमें कितना सच है और कितना झूठ…ये तो वक्त ही बताएगा.

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