सरकस में जोकर तो आप ने खूब देखे होंगे जिन्हें सारा जमाना जोकर कहता है और उस की अजबगजब हरकतों पर ठहाके लगा कर हंसता है. वास्तव में जोकर होते ही बड़े मजेदार हैं, क्योंकि उन में अपने गमों को भीतर छिपा कर लोगों को हंसाने का टैलेंट होता है और लोग भी उन के नौटी चेहरे और हरकतों को देख कर अपने भीतर के दर्द को पलभर के लिए भूल जाते हैं, तभी तो जहां कहीं भी जोकर शो का आयोजन होता है, लोग हजारों की संख्या में उन्हें देखने के लिए उमड़ते हैं और कुछ पल के लिए उसी माहौल में रम जाते हैं.

यहां तक कि बहुत सी ऐसी फिल्में आईं जैसे ‘मेरा नाम जोकर’ जिस में जोकर के किरदार से लोग प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए और यहां से भी जोकर शो के प्रति क्रेज बढ़ा. आज तो आलम यह है कि देशविदेश में जोकर शो व इवैंट्स आयोजित होने लगे हैं और हों भी क्यों न, क्योंकि जब टैलेंट यूनीक है तो आयोजन भी खास होना चाहिए. ऐसा ही एक आयोजन होता है ब्रिटेन में जिस का नाम है, ‘क्लाउन डे.’

क्लाउन डे कैसे आया ट्रैंड में

करीब 4 हजार साल पहले प्राचीन चीन में शिन हुंग टि च्यू के शासन में मसखरी के लिए एक दिन तय किया गया, जिस में लोग खूब हंसीमजाक करते थे और यहीं से इस दिन की शुरुआत हुई. देखादेखी बाकी देशों ने भी इसे अपनाया, क्योंकि उन्हें इस दिन को सैलिबे्रट करने में ज्यादा मजा जो आता था.

जोकरों के अंदाज निराले

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