हमारे देश में मोबाइल फोन आए लगभग 20 साल से अधिक समय हो गया है. इन 2 दशकों की सब से बड़ी उपलब्धि यह रही है कि आज देश में 1 अरब से ज्यादा मोबाइल ग्राहक है. पिछले कुछ वर्षों से नया मोबाइल फोन और कनैक्शन लेने वालों की रफ्तार हर महीने 1 करोड़ की दर से बढ़ रही है. हो सकता है कि कुछ समय बाद यह दावा किया जाए कि सवा अरब से ज्यादा की आबादी वाले इस मुल्क में इतने ही मोबाइल कनैक्शन हों.
अमीरीगरीबी का ज्यादा फर्क किए बगैर देश में लगभग हर व्यक्ति को सूचना पाने की सुविधा के अलावा एक नई पहचान देने वाली इस क्रांति की शुरुआत जिस अंदाज में हुई थी, उस में यह बताना मुश्किल था कि सिर्फ 20-22 साल में एक रिकशाचालक या कोई मजदूर पीसीओ बूथ के खुलनेबंद होने की चिंता से बेफिक्र हो कर जब चाहे गांवदेहात में अपने परिवार वालों से बात कर सकेगा और अपने दूसरे कई काम भी निबटा सकेगा. भारत जैसा ही हाल चीन का भी है, जहां वर्ष 2012 में ही 1 अरब मोबाइल फोन उपभोक्ता हो गए थे. दुनिया में फिलहाल यही 2 देश हैं जहां 1 अरब से ज्यादा मोबाइलधारक हैं.
इधर एक ओर जब भारतचीन में मोबाइल फोन को ले कर ऐसी होड़ मची हुई है, तो दूसरी तरफ दुनिया में एक नया ट्रैंड उभर रहा है जिस में लोग स्मार्टफोन के नशे से छुटकारा पाना चाहते हैं. इस की शुरुआत एक कनाडाई कंपनी ने ‘नोफोनएयर’ नामक गैजेट बना कर की है, जिस के बारे में दावा किया जा रहा है कि उस की मदद से लोग स्मार्टफोन पर अपनी निर्भरता कम कर पाएंगे और ऐसी जिंदगी जी पाएंगे, जिस में स्मार्टफोन की जरूरत महसूस नहीं होगी.