अच्छी आदतें हमारे व्यक्तित्व को निखारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. अच्छी आदतों से हमारे लाइफस्टाइल में लगातार निखार आता है. कैसी भी परिस्थितियां हों, अच्छी आदतों के कारण बुरे से बुरे समय में भी आप के अंदर एक आत्मविश्वास रहता है, जिस से जीवन के रास्ते खुद सहज होते चले जाते हैं.
इन्हीं अच्छी आदतों में से एक है अपना काम स्वयं करने की आदत यानी परिश्रम और मेहनत से कभी भी पीछे न हटना. हर व्यक्ति चाहे किशोर ही क्यों न हों, में यह आदत वरदान है. किशोरावस्था से ही यदि अपना काम स्वयं करने की आदत खुद में विकसित कर लें, तो हर क्षेत्र में सफलता की उम्मीद रहेगी.
अपना हाथ मजबूत करें
इंसान अपने हाथों से अपनी मेहनत, अपनी कर्मठता द्वारा सफलता के शिखर को छू सकता है. हाथ पर हाथ रखे बैठे रहने से आलसी व्यक्ति अपना जीवन बेकार कर लेता है. इसलिए बच्चों को अपने हाथों को हमेशा मजबूत बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए. किशोर जो भी काम करें, उस
में दूसरे व्यक्ति की भूमिका कम से कम हो. किसी भी काम को छोटा या बड़ा न समझें. अपनी क्षमता को देखते हुए जो भी बन पड़े अपने काम को करते रहना चाहिए. धीरेधीरे काम की आदत में निखार और निपुणता का विकास होता चला जाएगा.
घर से करें शुरुआत
कहा जाता है कि घर बच्चों की प्रथम पाठशाला है. घर में बहुत से काम होते हैं, जिन में अपनी मांबहन या बड़ों की मदद से काम करने की शुरुआत की जा सकती है. अपने काम खुद करने की आदत डालें.
सुबह उठने के बाद अपना बिस्तर ठीक करना, चादर आदि तह बना कर रखना, बिखरे सामान निश्चित जगह पर रखना, नहाते समय बाथरूम में बहता साबुन का पानी साफ करना, जमा पानी को वाइपर द्वारा निकालना, अपना गीला तौलिया धूप में सुखाना, जूते पौलिश करना आदि बहुत से ऐसे छोटेमोटे काम हैं जिन्हें किशोर खुद करने की आदत डालें.
इस से जहां किशोरों में आत्मनिर्भरता विकसित होती है वहीं वे हर किसी के दुलारे भी बनते हैं. भविष्य में किसी कारणवश घर से दूर रहना पड़े तो भी ज्यादा असुविधा नहीं होती.
नौकर हैं तो खुद काम क्यों करें
बहुत से घरों में काम करने के लिए नौकर या मेड रखे होते हैं. ऐसे में यह सोच पनपना स्वाभाविक है कि किशोर काम क्यों करें? इस प्रसंग में एक प्रेरक कहानी प्रस्तुत है, ‘बेहद अमीर खलीफा हजरत (मुहम्मद साहब के साथी) के घर रात के समय किसी जरूरी काम से एक सज्जन आए, उस समय सभी नौकर सोने जा चुके थे.
‘खलीफा ने उन के सभी कागजों को ध्यान से पढ़ना शुरू किया ही था कि लैंप में तेल खत्म हो गया और वे तेल लेने के लिए उठे. तभी मेहमान ने हैरानी से कहा कि आप नौकर को क्यों नहीं उठा देते. आप को क्या पता कि तेल कहां रखा होगा.
‘खलीफा ने कहा कि नौकर भी तो इंसान ही हैं. उन्हें भी आराम और छुट्टी की जरूरत होती है, उन के साथ भी मैं छोटेमोटे काम करता रहता हूं ताकि उन की अनुपस्थिति में मुझे कोई परेशानी न हो.’
अकसर देखा गया है कि मेड या नौकर के छुट्टी पर जाते ही घर में काम को ले कर अफरातफरी मच जाती है इसलिए मेड के साथ भी छोटेमोटे काम कराते रहें. नौकर या मेड के होने पर काम की आदत होने से थोड़ीबहुत असुविधा तो होगी पर काम भारी बोझ नहीं लगेगा.
एक और बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि वक्त हमेशा एकसमान नहीं रहता, इसलिए मेड या नौकरों पर निर्भरता एक हद तक रखनी चाहिए. अपने हाथों पर भरोसा रखें और मेहनत से काम करने की आदत डालें.
अगर आप ऐसा करेंगे तो जीवन में कैसा भी बदलाव आए, आप को कोई चिंता या भय नहीं सताएगा. मेड के न आने पर भी परिजनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. साथ ही घर में कितने भी सदस्य हों सभी काम समय रहते पूरे हो जाएंगे.
रसोई में करें छोटेमोटे काम
जब भी समय मिले रसोई में किसी बड़े के साथ मिल कर छोटेमोटे काम करते रहना चाहिए. रसोई में आजकल बहुत से सहायक यंत्र आ गए हैं जैसे, मिक्सी फूडप्रोसैसर, माइक्रोवेव, ओवन आदि जिन की मदद से खाना बनाना बहुत आसान हो गया है. किशोर मां के साथ किचन में चाय बनाना, सब्जी काटना, बाजार से लाया गया सामान डब्बों में डालना या सुनिश्चित स्थान पर रखना, डाइनिंगटेबल पर बरतन, मैट लगाना, पानी रखना, मेहमानों के आने पर पानी देना, खाना सर्व करना आदि बड़े आराम से कर सकते हैं. काम करते रहने से आप में एक सैल्फ कौन्फिडैंस डैवलप होगा. आप को पता होगा कि किचन में कौन सी चीज कहां रखी है. इस से अकेले रहने पर आराम से अपने लायक भोजन का इंतजाम कर सकेंगे.
अपना काम खुद करने के फायदे
अपना काम स्वयं करने के बहुत से फायदे हैं. मेहनत और काम का अभ्यास होने से आप को भविष्य में आराम हो सकता है कभी भी नुकसान नहीं होगा. आज के दौर में अकसर घर से दूर जौब या पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में आप को घर से दूर बाहर अकेले होस्टल में, किराए पर या बतौर पीजी में रहना पड़ सकता है.
अगर आप को किचन या घरेलू कामों की समझ होगी तो अपना इंतजाम अच्छे से कर पाएंगे. रोजरोज बाहर का खाना बहुत महंगा भी पड़ता है और उस के हाइजैनिक होने की भी गारंटी नहीं होती.
अन्य फायदे
सेहतमंद लंबी उम्र : काम करने से शरीर मजबूत बनाता है. इम्यूनिटी बढ़ती है और सेहत ठीक रहती है. एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ दिमाग का विकास होता है. एकाग्रता भी बढ़ती है और आप अपनी पढ़ाई आराम से कर सकते हैं.
कार्य कुशलता : किसी भी काम के निरंतर करते रहने से आप उस के अभ्यस्त हो जाते हैं. यह कार्यकुशलता जीवन में हमेशा आप को लाभ पहुंचाएगी.
मजबूत रिश्ते : सेहतमंद और कुशाग्रबुद्धि का बच्चा समाज में हर रिश्ते को सफलता से जीता है. उस का सामाजिक दायरा हमेशा बड़ा रहता है.
दिनचर्या में सुधार : अपने काम को नियम और सुचारु रूप से करने से आलसभरी दिनचर्या में बदलाव आता है. जो काम धीरेधीरे पूरे दिन घसीट कर किया जाता था वह समय पर पूरा हो जाता है. इस से पढ़ाईर् या कुछ भी करने के लिए समय की काफी बचत हो जाती है.
नई सोच और संतोष : काम की आदत के विकास से आत्मनिर्भरता का गुण विकसित होता है. काम की सफलता के बाद एक उत्साह और संतोष का भाव जागता है, जिस से जीवन में उन्नति के नए मार्ग खुलते हैं.
सुंदरता में निखार : काम करने से शरीर ऐक्टिव रहता है. चेहरे पर आत्मविश्वास झलकता है. पसीना निकालने से शरीर का जमा फैट निकल जाता है.
अंत में हम कह सकते हैं कि एक सुनहरे भविष्य के लिए मेहनत और काम करने का जज्बा होना बेहद जरूरी है. एक एवरेज स्टूडैंट अपनी मेहनत से आलसी व कुशाग्रबुद्धि छात्र से ज्यादा आगे निकल जाता है. जिंदगी जीना ही सिर्फ हमारा मकसद नहीं होना चाहिए बल्कि किसी लक्ष्य को प्राप्त करना, जीवन को भरपूर जीना और खुश रहना हमारा मकसद होना चाहिए.