शौपिंग का शौक भला किसे नहीं होता. बस, यह बात अलग है कि किसी को कपड़े खरीदने का शौक होता है तो किसी को ज्वैलरी का. अच्छा ग्राहक वही है जो शौपिंग तो करे, लेकिन अपनी पौकेट का भी ध्यान रखे ताकि शौपिंग के बाद टैंशन न हो.
यह बात टीनएजर्स पर तो और भी ज्यादा लागू होती है, क्योंकि उन्हें गिनीगिनाई पौकेटमनी जो मिलती है और उसे ही उन्हें इस तरह खर्च करना होता है जिस से गर्लफ्रैंड भी खुश हो सके और अपने ऐंजौयमैंट पर भी वे पूरा खर्च कर सकें. आइए जानें, कैसे करें शौपिंग :
इंटरनैट का इस्तेमाल करें : आप जो भी सामान खरीदना चाहते हैं उस की जानकारी के लिए एक बार इंटरनैट का इस्तेमाल जरूर करें. इस से आप को अलगअलग ब्रैंड्स के प्रोडक्ट की कीमत का पता चल जाएगा. इसे तुलनात्मक खरीदारी कहा जाता है.
आमतौर पर हम एक मल्टीब्रैंडेड स्टोर पर चले जाते हैं और वहां एक ही प्रोडक्ट के विकल्प तलाशते हैं ऐसे में स्टोर के पास पूरा मौका होता है कि वह आप की जेब टटोल कर ब्रैंडेड प्रोडक्ट्स की अलगअलग कीमत बताए. इसलिए इंटरनैट पर कीमत की जानकारी लेना आप की जेब को हलका नहीं होने देगा.
शौपिंग की जगह तय करें : शौपिंग से पहले हम अकसर यह नहीं सोचते कि हमें कहां से क्या खरीदना है. शौपिंग वाले दिन हम पर्स ले कर घर से चल देते हैं मौल्स और स्टोर्स में जगहजगह चक्कर लगाने लगते हैं. आखिर में जो दिखाई दे जाता है उसे खरीद लेते हैं. इस से न सिर्फ समय बल्कि पैसा भी बरबाद होता है इसलिए पहले यह तय कर लें कि आप को कहां से सामान खरीदना है. इस से आप को अच्छी चीजें खरीदने में भी आसानी होगी.
सूची तैयार करें : आप उन जगहों की सूची बना लें जहां आप की पसंद का सामान सही दाम में मिलता है, इस से समय और पैसे दोनों की बचत होती है और सामान भी अच्छी क्वालिटी का मिल जाता है.
बजट 20 फीसदी कम करें : शौपिंग पर निकलने से पहले आराम से बैठ कर बजट तैयार करें कि आप को किस के लिए क्या और कितना खरीदना है. सूची तैयार करते समय ध्यान रखें कि चीजों को प्राथमिकता देते हुए लिखें, ताकि सही समय पर सही चीज खरीदी जा सके. चीजों पर कितना खर्च होगा, उसे जोड़ें और अब 20 फीसदी कम कर दें. खयाल रखें कि अब जो खर्च आया है, उसी पर टिके रहें.
सीजन में जहां भी सेल लगी हो उस का ध्यान रखें और अपने बजट व पसंद के मुताबिक खरीदारी करें. खरीदारी के दौरान अपने बजट पर बारबार ध्यान दें ताकि आप बजट से ज्यादा न खर्च दें.
रिटर्न पौलिसी भी जानें : अगर घर जाने पर कोई सामान पसंद नहीं आया तो वह कितने दिन में वापस किया जा सकता है, इस के बारे में भी बात करें. वापस करने पर पैसे मिलेंगे या फिर कोई पर्ची आदि मिलेगी यह भी पूछें.
लेटैस्ट ट्रैंड क्या है पता करें : शौपिंग पर जाने से पहले अखबारों में आने वाले विज्ञापन, इंटरनैट पर सर्च कर लें कि मार्केट में लेटैस्ट क्या चल रहा है ताकि आप कोई आउट औफ फैशन चीज न खरीद लाएं.
सेल में करें समझदारी से शौपिंग : सेल के सीजन में ग्राहकों को लुभाने के लिए कई लुभावने औफर होते हैं. जैसे 2 शर्ट खरीदने पर 1 शर्ट फ्री आदि. 2 शर्ट की जरूरत न होने पर भी हम लालच में खरीद लेते हैं और अपना बजट बिगाड़ लेते हैं इसलिए इस तरह के प्रलोभन में न आएं और उतना ही खरीदें जितनी आप को जरूरत हो.
कौपीराइट मार्क देखें : वैबसाइट के होमपेज पर कौपीराइट मार्क भी जरूर देखें. कौपीराइट साल, मौजूदा साल या एक साल से ज्यादा पुराना न हो. साथ ही वैबसाइट पर कस्टमर केयर का नंबर दिया है या नहीं, यह भी देखना जरूरी है.
शिपिंग औफर : कई साइट्स आप को प्रोडक्ट लेने पर फ्री शिपिंग चार्ज की सुविधा देती हैं जिस से प्रोडक्ट की कीमत और भी कम हो जाती है. अगर फ्री शिपिंग नहीं है तो हमेशा प्रोडक्ट की कीमत शिपिंग चार्ज को जोड़ कर ही देखें, क्योंकि शिपिंग का खर्च भी आप की जेब पर ही पड़ रहा है.
औनलाइन रिव्यू पढ़ें : किसी भी औनलाइन शौपिंग वैबसाइट पर अपने क्रैडिट कार्ड की जानकारी देने से पहले उस के बारे में लोगों के रिव्यू जरूर पढ़ लें.
कंपनी की शर्तों पर भी ध्यान दें : शौपिंग वैबसाइट्स 500 रुपए से अधिक की खरीदारी पर ज्यादातर डिलीवरी फ्री रखती हैं जिसे कस्टमर एक बड़ी सुविधा के रूप में देखता है, लेकिन कभीकभार फ्री डिलीवरी के साथ शर्तें भी लिखी होती हैं, जिन को कस्टमर तवज्जो नहीं देते और देख कर भी नहीं पढ़ते, जिस के कारण कस्टमर को अनजाने में अतिरिक्त पैसे चुकाने पड़ते हैं.
पेटीएम से करें शौपिंग और बनें स्मार्ट ग्राहक : पेटीएम एक प्रकार का औनलाइन बटुआ है, जिस में आप पैसे रख सकते हैं और फिर इस पैसे के जरिए औनलाइन खरीदारी कर सकते हैं. हालांकि इस बटुए में पैसे डालने के लिए आप को डैबिट कार्ड, क्रैडिट कार्ड या फिर औनलाइन बैंकिंग का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन एक बार आप इस में पैसे डाल दें तो फिर आप सिर्फ पेटीएम के जरिए ही उसे खर्च कर सकते हैं.
इस में पैसे रखने की सीमा करीब 10 हजार रुपए है जिसे कुछ कागजी कार्यवाही करने के बाद बढ़ाया जा सकता है. पेटीएम के जरिए आप अपने रोजमर्रा के काम बिना समय गवाए कर सकते हैं. जैसे कि मोबाइल रिचार्ज कराना, बिल भरना, औनलाइन शौपिंग करना, सिनेमा के टिकट बुक कराना और अब तो चाय वाले से ले कर किराना स्टोर तक पेटीएम से भुगतान ले रहे हैं.