आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव काफी बढ़ गया है. लोग अपने मकसद में तो आगे बढ़ रहे हैं, पर उन का जीवन काफी समस्याग्रस्त होता जा रहा है. ऐसे में समाजसेवा से जुड़े लोगों से आशा की जाती है कि वे इन समस्याओं से नजात दिलाएं. इसी हुनर ने समाजसेवियों की आवश्यकता को अनिवार्य बना दिया है, जिस से सोशल वर्क में शोहरत और सुकून के साथ पैसा भी मिलने लगा है.
क्या है समाजसेवा
समाजसेवा का अर्थ है, लोगों को अपनी समस्याओं का हल खोजने में मदद करना. लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का निदान ढुंढ़वाने में जागरूक करना. समाज में व्याप्त अंधविश्वास, कुपोषण, खराब स्वास्थ्य, गरीबी, निरक्षरता आदि ऐसी कई समस्याएं हैं, जो सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा हल की जा सकती हैं.
महिला सामाजिक संगठन की राष्ट्रीय महासचिव डा. जया शुक्ला के मुताबिक, समाजसेवा का अर्थ ऐसे कार्यों से है, जिन्हें कर के हम सामाजिक जीवन में व्यापक सुधार ला सकते हैं. सर्वप्रथम हमें समाज में व्याप्त अंधविश्वास व कुरीतियों को दूर करना होगा, तभी हम सही माने में समाजसेवा कर सकते हैं. हमें एक अभियान के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को दूर करना चाहिए, तभी हम एक सभ्य समाज की कल्पना कर सकते हैं.
रोजगार के अवसर
समाजसेवा अब केवल परोपकार की भावना से नहीं की जाती, बल्कि यह तेजी से उभरते हुए रोजगार के रूप में युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. समाजसेवा में निपुण युवाओं के लिए यह क्षेत्र सुनहरे अवसर उपलब्ध करा रहा है. प्रशिक्षित छात्रों के लिए सरकारी विभागों, निजी व सरकारी अस्पतालों में रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा हो रही हैं.