मूलरूप से गुवाहाटी की रहने वाली नजमा 2012 में सिलचर में किराए पर मकान ले कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी. घर से यूनिवर्सिटी तक का आना-जाना बस से करती. इस में करीब 45 मिनट का समय लगता था.
उस दिन यूनिवर्सिटी में चल रहे यूथ फैस्टिवल की वजह से वह घर लौटने में लेट हो गई. 11 बज चुके थे. वह अपनी सहेली के साथ बस से उतरी. बस से उतर कर गली में करीब 3-4 मिनट की वाकिंग पर उस का घर था. सहेली का घर थोड़ी और दूर था.
नजमा बताती है, ‘‘हम ने देखा कि रास्ते में कुछ लड़के हमें अजीब नजरों से देख रहे हैं. ये वही लड़के थे जो अकसर हम पर कमैंट करते थे. दरअसल, हाल ही में मैंने जिम जौइन किया था. जिम में पहले से कोई लड़की नहीं थी. उस एरिया में लड़कियां जिम नहीं जातीं. यही नहीं, मैं जींस भी पहनती हूं. इसे ले कर भी वे लड़के अकसर मुझ पर कमैंट करते हुए पीछा करते. इन में से कुछ लड़के जिम में मेरे साथ ही थे.
‘‘उस दिन रात में भी ये लड़के हमारा पीछा करने लगे. वे कार में थे. हम तेजी से आगे बढ़े. मेरा घर आ गया था. मैंने अपनी सहेली से कहा कि तू मेरे घर ही रुक जा. पर उस के भाई को बुखार था, इसलिए वह नहीं रुकी और चली गई. मगर थोड़ी देर के बाद ही उस का फोन आया. वह रोती हुई बता रही थी कि ये लड़के उस का पीछा कर रहे हैं और कार में खींचने के प्रयास में हैं. मैं ने तुरंत उस के भाई और अपने पड़ोस में रहने वाले लड़के को उस की सहायता के लिए भेजा.