भारत के पहले औनलाइन सोशल डिस्कवरी प्लेटफौर्म ‘लाइमरोड.कौम’ की स्थापना करने वाली सुचि मुखर्जी 1994 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अध्ययन करते हुए कैंब्रिज कौमनवैल्थ ट्रस्ट स्कौलरशिप प्राप्त करने वाली पहली भारतीय बनीं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सैंट स्टीफंस कालेज से स्नातक किया और फिर ‘लंदन स्कूल औफ इकौनौमिक्स’ से फाइनैंस एवं अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री ली. सुचि ने ईबे को ब्रिटेन में व्यवसाय जमाने में अपना अहम योगदान दिया. वे स्काइप में ऐग्जिक्यूटिव मैनेजमैंट टीम में भी शामिल हुईं. इस के बाद ब्रिटेन के सब से बड़े औनलाइन क्लासिफाइड बिजनैस की प्रबंध निदेशक बनने में भी सफल रहीं. औनलाइन इंडस्ट्री में क्रांति लाने के सुचि के जनून ने ही आज उन्हें भारत के सब से ज्यादा पसंदीदा शौपिंग डैस्टिनेशन लाइमरोड. कौम की फाउंडर और सीईओ के तौर पर पहचान दिलाई है. सुचि मुखर्जी से हुई मुलाकात के कुछ अंश इस तरह हैं:
आपको यहां तक पहुंचने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
17 साल बाद जब मैं वापस भारत आई तब अपने पेशे से जुड़े कुछ लोगों को ही जानती थी. मेरा बच्चा डेढ़ साल का था और मैं ने एकसाथ बिजनैस और घर दोनों की जिम्मेदारी संभाली. यह बेहद कठिन कार्य था. प्रत्येक व्यक्ति को सफल होने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. आप जो कर रहे हैं उस के लिए आप को वास्तव में जनूनी बनना होगा. आप को विफलताओं के लिए हमेशा तैयार रहने और बुरे वक्त से सीखने की जरूरत होगी.
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आप कार्य और घर दोनों में संतुलन कैसे रखती हैं?
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