आलोचनाओं के मद्देनजर, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेबरियिसस ने कहा है कि कृपया कोरोना वायरस को राजनीति से अलग रखें. यदि हम इससे जीतना चाहते हैं तो हमें उंगलियों को इंगित करने में समय बरबाद नहीं करना चाहिए. वहीं, संयुक्त राष्ट्र संघ यानी यूएनओ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने सदस्य देशों से डब्लूएचओ को समर्थन देते रहने का आग्रह किया है. संयुक्त राष्ट्र ने जानलेवा वायरस के फैलाव के बारे में ग़लत सूचना देने व प्रकाशित करने पर सचेत करने के साथसाथ दुनिया के सभी देशों से अपील की है कि वे एकता और एकजुटता के साथ इसका मुक़ाबला करें.
दरअसल, वायरस से उभरी कोविड-19 की महामारी में संदिग्ध भूमिका को लेकर चीन पूरी दुनिया में घिरने लगा है. दुनिया के तमाम देश वायरस के पीछे चीन की साज़िश महसूस कर रहे हैं जिसे वे तरहतरह से बयान भी कर रहे हैं. कुछ देश तो डब्लूएचओ पर भी पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि नोवल कोरोना वायरस के लिए चीन जिम्मेदार निकला तो उसे गंभीर सजा भुगतनी होगी. वहीं, आस्ट्रेलिया ने भी चीन पर पारदर्शिता न बरतने का इल्ज़ाम लगाते वायरस के क्रिएशन की अंतरराष्ट्रीय जांच किए जाने की मांग की है. आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मैरिस पाइन ने कहा है कि कोरोना के संदर्भ में उनकी चिंता स्वाभाविक है. आस्ट्रेलिया इस वैश्विक महामारी को लेकर जांच चाहता है, जिसमें वुहान में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आने के बाद चीन के ऐक्शन की भी जांच की जाए.