नेहा ने जानबूझ कर अपनी प्रैगनैंसी की खबर दफ्तर में सब से छिपा कर रखी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं उस की प्रैगनैंसी के बारे में जानने के बाद उस की अच्छीखासी नौकरी पर खतरा न मंडराने लगे.नेहा की तरह ही अधिकतर कामकाजी महिलाओं को लगता है कि गर्भवती होने पर उन की नौकरी को खतरा हो सकता है. उन्हें काम से निकाला जा सकता है, जबकि पिता बनने वाले पुरुष को अकसर नौकरी या कार्यस्थल पर बढ़ावा मिलता है.प्रोफैशनल वर्ल्ड में महिलाओं के लिए गर्भावस्था एक चुनौतीपूर्ण समय होता है. सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर भी उन के लिए बहुत सारी चुनौतियां खड़ीहो जाती हैं. गर्भावस्था में पेश आने वाली चुनौतियों में से एक नौकरी के स्तर पर महसूस होने वाली है.शोधकर्ता क्या कहते हैं इस बारे में:

शोध से जुड़े इस निष्कर्ष को ऐप्लाइड मनोविज्ञान के जनरल में प्रकाशित किया गया. इस में इस बात की पुष्टि की गई कि मां बनने वाली औरतों को ऐसा महसूस होता है कि अब कार्यस्थल पर उन्हें तरजीह नहीं दी जाएगी. अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उन महिलाओं पर किया गया पहला अध्ययन है, जिन्हें ऐसा महसूस होता है कि गर्भावस्था के दौरान उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा.

कार्यस्थल पर प्रोत्साहन कम मिलना:

मैनेजमैंट के सहायक अध्यापक पुस्टियन अंडरडौल के मुताबिक हम ने पाया कि महिलाओं ने जब अपने गर्भवती होने का खुलासा किया तो उन्होंने कार्यस्थल पर प्रोत्साहन का अनुभव कम किया. जब महिलाओं ने इस बात का जिक्र अपने मैनेजर या सहकार्यकर्ताओं से किया तो उन्होंने देखा कि उन्हें कैरियर के क्षेत्र में प्रोत्साहन दिए जाने की दर में कमी आई, जबकि पुरुषों को प्रोत्साहन दिए जाने की दर में बढ़ोतरी हुई.

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