सड़क किनारे, मेट्रो स्टेशन, छोटेछोटे गलियोंकस्बों में बड़े बड़े होर्डिंग्स लगे होते हैं. ये होर्डिंग्स ज्यादात्तर फिल्मों के प्रमोशन के होते हैं, आखिर जब ये होर्डिंग्स पुराने हो जाते हैं, तो इनका क्या किया जाता है?
सीन - होर्डिंग्स पुराने हुए, नीचे गिर गए, गलियों या सड़कों किनारे रहने वाले लोग उस होर्डिंग्स को उठाया अपने गंदे फर्श या दीवार को ढ़क दिया.
'' लोग अपनी गंदगी को छिपाने के लिए मखमली चादरों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि बाहर से सुंदर दिखे और अंदर की गंदगी छिप जाए'' इसी तरह हालात है लोगों की... वो अपने घर में नहीं देखते है कि उनके घर में कितने झगड़े हैं, लेकिन दूसरों में इतनी दिलचस्पी लेते हैं, कि लगता है उन्हें सुप्रिम पावर मिल गई है कि वो कुछ भी कह सकते हैं.''
यूं कहे तो लोग अपनी गलतियों को ढ़कने के लिए दूसरी चीजों यानी अपने पड़ोसी, रिश्तेदार यहां तक की सेलिब्रिटीज, पौलिटिशियन या अन्य हस्ती के बारे में गौसिप करते हैं. जबकि लोगों को कुछ पता भी नहीं होता है, फिर भी तेलमसाले, नमकमिर्च लगा कर बात करते हैं.
कहा जाता है कि लोगों का काम है कहना, लेकिन आजकल मीडिया न्यूज चैनल या वेब पोर्टल भी इन मामलों में आगे हैं. इनके पास जब कुछ नयी मसालेदार खबरें नहीं होती हैं, तो वो बौलीवुड, पौलिटिशियन, बड़े बिजनेसमैन या किसी भी अन्य हस्ती की लव स्टोरी, एक्सट्रा मैरिटल अफेयर की बातें करने लगते हैं, वो गूगल ट्रैंड पर भी दिखने लगता है. इनके पास कोई ठोस सुबूत भी नहीं होता फिर भी ये खबरें फैलाते रहते हैं, एक ही तरह के खबरों पर अलगअलग तरह के मिर्चमसाले लगाकर पेश करते हैं और लोगों को ये एंगल पसंद भी आता है. इतना ही नहीं ये खबरें गूगल पर टौप पर भी दिखता है, आखिर लोग किसी की प्रेम कहानी, एक्सट्रा मैरिटल अफेयर जैसे चीजों में इतना क्यों इंट्रेस्ट लेते हैं?