तान्या रस्तोगी ज्वैलरी ऐक्सपर्ट और क्यूरेटर हैं. उन्हें सुंदर और आकर्षक ज्वैलरी मास्टरपीस बनाने के लिए जाना जाता है. इन का संबंध नवाबों के परिवार ‘लाला जुगल किशोर ज्वैलर्स’ से है, जो सदियों से अवध के नवाबों के ज्वैलर रहे हैं. तान्या रस्तोगी को ‘लाइफटाइम अचीवमैंट अवार्ड’ और ‘रिटेल ज्वैलर इंडिया अवार्ड’ से सम्मानित भी किया जा चुका है. ‘गोल्ड ज्वैलरी औफ द ईयर’ में नौमिनेशन के लिए भी वे पहचानी जाती हैं. उन्होंने अपना खुद का इनहाउस प्रोडक्शन भी स्थापित किया है, जो डिजाइन कौन्सैप्ट पर आधारित है. पेश हैं, तान्या रस्तोगी से हुई गुफ्तगू के कुछ अंश:

इस फील्ड में आने की प्रेरणा कैसे मिली?

मेरा झुकाव शुरू से ही डिजाइनिंग और कला की ओर रहा है. ज्वैलरी पहनावे की कला का एक रूप है और इस की यही बात मुझे हमेशा आकर्षित करती है. मैं ने दिल्ली के एक संस्थान से जैमोलौजी और डिजाइनिंग का कोर्स किया है. मेरे पिता का वाराणसी में बनारसी साडि़यों का व्यापार था और यह संयोग की बात है कि मेरी शादी भी ज्वैलर्स के घर हुई.

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ऐसी कौन सी बात है, जो आप को ये सब करने को प्रेरित करती है?

मैं अपनी ऐग्जिबिशन कर्णफूल के लिए ज्वैलरी डिजाइन कर रही थी. मुझे हमेशा अलग डिजाइनें बनाना पसंद रहा है. इसी दौरान पता चला कि मुझे 150 साल पुरानी खानदानी अवधी नवाबों की विंटेज ज्वैलरी पर काम करने की अनुमति मिली है. मैं ने इसे नई जैसा बनाया और इस तरह ‘ज्वैल्स औफ अवध’ का पहला लिमिटेड ऐडिशन तैयार किया. इसे मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया से ‘ज्वैल्स औफ अवध’ का नाम बना जो अब लखनऊ स्थित लाला जुगल किशोर ज्वैलर्स के आउटलेट में एक लाउंज है, जहां मैं दुलहनों की सजावट पर काम करती हूं.

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