देशभर में मेगास्टार अमिताभ बच्चन के पुत्र और पुत्रवधू अभिषेक ऐश्वर्या के अलगाव की कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है. जब कोई बड़ा सैलिब्रिटी परिवार टूटने लगता है और सवाल खड़े होने लगते हैं तो लोग उस पर गुफ्तगू करने लगते हैं जोकि स्वाभाविक भी है. इन चर्चाओं के बीच सच और झूठ को समझ पाना आसान नहीं होता.
हम आज प्रयास करेंगे कि सामाजिक स्थितियों में चाहे अभिषेक ऐश्वर्या हों या आम आदमी, प्रेम, प्यार और अलगाव के घटनाक्रम को ले कर कुछ ऐसे मनोवैज्ञानिक सामाजिक तत्त्व आप के सामने प्रस्तुत करें कि आप इसे आसानी से समझ सकें और अपने जीवन को सुखमय बना सकें.
समझने वाली बात यह है कि 'वह' एक समय तो अत्यधिक ध्यान देते हैं और आगे दूरी बनाने लगते हैं. 'वे' आप को गहराई से जानने में रुचि नहीं रखते हैं.
'वे' आप की भावनाओं को खारिज या कम कर देते हैं और 'वे' आप की धारणा या याददाश्त को बदलने की कोशिश करते हैं. बातचीत में वे खुद के बारे में ही बात करते हैं, आप के बारे में नहीं. वे सीधे जवाब देने से बचते हैं या जानकारी छिपाते हैं. उन के शब्द उन के कार्यों से मेल नहीं खाते हैं. वे खुल कर दूसरों के साथ फ्लर्ट करते हैं. वे आप के प्रति अपमानजनक, आलोचनात्मक या खारिज करने वाले हैं. वे अकसर योजनाओं को रद्द करते हैं या अपने वादों को पूरा नहीं करते हैं. वे आप को प्रतिबद्धता में दबाव डालते हैं.
वह आप की जरूरतों या निजी स्थान की उपेक्षा करते हैं. वह आप को दोषी ठहराते हैं या मजबूर करते हैं. वह आप की गतिविधियों पर जासूसी करते हैं या निगरानी करते हैं. वह आप को दूसरों के साथ सामान्य रिश्ते निभाने से रोकते हैं.