भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, केन्या. ये वे देश हैं, जो अपने यहां आबादी विस्फोट से परेशान हैं. इन सब देशों में सरकारों की अथक कोशिशों के बावजूद भी अगर गरीबी नहीं दूर हो रही, लोगों का जीवनस्तर बेहतर नहीं हो रहा, तो उसका एक बड़ा कारण इन देशों में लगातार जनसंख्या की वृद्धि होना है. भारत में तमाम भविष्यकालिक योजनाओं और विकास को लगातार बढ़ती जनसंख्या बेमतलब कर देती है. यही हाल पाकिस्तान और बांग्लादेश का भी है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जो जनसंख्या न बढ़ने के कारण या बहुत मामूली दर से बढ़ने के कारण परेशान हैं. ये देश सिर्फ परेशान ही नहीं हंै बल्कि इस परेशानी से निपटने के लिए वे अपने युवा दंपतियों को शादी के तुरंत बाद जल्द से जल्द बच्चा पैदा करने के लिए तमाम तरह से प्रोत्साहित करते हैं. यह प्रोत्साहन सिर्फ मुंहजुबानी नहीं होता बल्कि इसके लिए वे इन्हें कई किस्म के प्रोत्साहक फायदे भी देते हैं.
इटली की सरकार पिछले कई सालों से अपने युवा दंपतियों को ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करती रही है. हालांकि इस साल कोविड-19 महामारी की जबरदस्त चपेट में रहने के कारण इस कार्यक्रम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, लेकिन जल्द ही फिर इस तरह के सरकारी विज्ञापन दिखने शुरु होंगे जिसमें कहा जाता है- ‘सुंदरता की कोई उम्र नहीं होती. मगर बच्चे पैदा करने की होती है.’ दरअसल इटली दुनिया के उन दस देशो में शामिल है,जहां बच्चों की जन्मदर निरंतर घट रही है. ऐसा किसी बीमारी की वजह से नहीं हो रहा, लोगों विशेषकर युवाओं की व्यस्त जीवनशैली और अकेले रहने की आदत के चलते हो रहा है. इटली जैसे ही हालात कई अन्य देशों के भी हैं. इन देशों को यह चिंता सता रही है कि गिरती प्रजनन दर से कहीं उनके भविष्य पर ही सवालिया निशान न लग जाये. इन्हीं हालात को भांपते हुए इन देशों की सरकारें अपने युवा विवाहित जोड़ों को प्रोत्साहित करती हैं कि वे शादी के बाद जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें.