अनामिका सेन गुप्ता
कोफाउंडर, सस्टेनेबल्स
घर हो या बाहर हमेशा महिलाओं के साथ दोेहरी नीति अपनाई जाती है खासकर मां बनने के बाद काम करने पर लोग आश्चर्य की दृष्टि से देखते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है मां बनने के बाद महिलाएं जिम्मेदारी उतनी नहीं ले पातीं, जितनी उन्होंने पहले ली थी. ऐसे में खुद की प्रतिभा को पहचान कर व्यवसाय क्रिएट कर लेना सब से अच्छी बात होती है.
इसी सोच को अपने जीवन का मूल मंत्र बना कर मुंबई की अल्मित्रा सस्टेनेबल्स की कोफाउंडर, मोमप्रैन्योर अनामिका सेनगुप्ता ने सस्टेनेबल और ईकोफ्रैंडली लाइफस्टाइल से लोगों का परिचय करवाया है.
उन से उन की जर्नी के बारे में हुई बात के कुछ खास अंश पेश हैं:
इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कैसे मिली?
मां बनने के बाद ही मैं ने यह व्यवसाय शुरू किया. पहले मैं कौरपोरेट में काम करती थी. जब मैं प्रैगनैंट हुई और बच्चा होने के बाद काम पर लौटी, तो मेरे प्रति लोगों का व्यवहार बदल चुका था. कंपनी को लग रहा था कि मां बनने के बाद मैं काम की जिम्मेदारी लेने में सक्षम नहीं, क्योंकि मैं हायर मैनेजमैंट रोल में काम कर रही थी.
बिना किसी कारण के उन लोगों ने मुझे कंपनी छोड़ने के लिए कहा, जो मेरे लिए काफी शौकिंग था, क्योंकि मैं ने कभी ऐसा अपने लिए सोचा नहीं था, क्योंकि मेरा प्रमोशन भी प्रैगनैंट होने के बाद ही हुआ था.
मेरे हिसाब से जब एक महिला मां बनती है, तो उस की क्रिएटिविटी पहले से अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि उस ने एक बच्चे को क्रिएट कर जन्म दिया है.
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