अपने बेबाक अंदाज, क्रांतिकारी विचारों, लेखों और मुखर आवाज के लिए जानी जाने वाली भारत की मशहूर अंग्रेजी लेखिका और समाजसेविका अरुंधति रॉय को ब्रिटेन के पेन पिंटर पुरस्कार 2024 से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.
इस अवॉर्ड के लिए तीन जजों की एक जूरी ने अरुंधति रॉय को चुना है. जूरी में इंग्लिश पेन की अध्यक्ष रुथ बॉर्थविक, ब्रिटिश एक्टर खालिद अब्दल्ला और ब्रिटिश लेखक और संगीतकार रोजर रॉबिनसन शामिल थे.
आपको बता दें पेन पिंटर पुरस्कार की शुरुआत 2009 में हुई थी. और ये नोबेल पुरस्कार विजेता नाटककार हैरोल्ड पिंटर की याद में स्थापित उन लेखकों को दिया जाता है जिनकी “असाधारण साहित्यिक योग्यता” होती है और जो दुनिया पर “निडरता” से नजर रखते हैं.
इस साल ये पुरस्कार भारत की मशहूर अंग्रेजी लेखिका और समाजसेविका अरुंधति रॉय को दिया जाएगा. उन्हें यह पुरस्कार 10 अक्टूबर को ब्रिटिश लाइब्रेरी में आयोज्य समारोह में प्रदान किया जाएगा. इस मौके पर वह एक संबोधन भी देंगी.
ये अवॉर्ड अरुंधति को ऐसे समय दिया जा रहा है. जब हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ गै़रकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत मुकदमा चलाए जाने की अनुमति दे दी है. ये केस 14 साल पुराने एक भाषण को लेकर उन पर दर्ज किया गया था.
अरुंधति राय ने लेखन के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन समेत भारत के दूसरे जनांदोलनों में भी हिस्सा लिया. हाल ही में उनकी पुस्तक “द डॉक्टर एंड द सेंट: द अंबेडकर-गांधी डिबेट” चर्चा में है, जिसका हिन्दी अनुवाद प्रोफेसर रतनलाल ने “एक था डॉक्टर एक था सन्त” के नाम से किया है.
अरुधंति रॉय ने अपने करियर की शुरुआत अभिनय से की. मैसी साहब फिल्म में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई. इसके अलावा कई फिल्मों के लिए पटकथाएं भी लिखीं. जिनमें In Which Annie Gives It Those Ones (1989), Electric Moon (1992) को बहुत सराहना मिली. जब उन्हें 1997 में उपन्यास गॉड ऑफ स्माल थिंग्स के लिये बुकर पुरस्कार मिला तो साहित्य जगत का ध्यान उनकी ओर गया.
पेन पिंटर पुरस्कार’ से माइकल रोसेन, मैलोरी ब्लैकमैन, मार्गरेट एटवुड, सलमान रुश्दी, टॉम स्टॉपर्ड और कैरोल एन डफी जैसे लेखकों को भी सम्मानित किया जा चुका है.