अल्फोंस कन्नाथनम का नाम याद रख लीजिए. ये अमीरी का प्रमाणपत्र देते हैं. यदि आप को लगता है कि आप गरीब हैं और आप के पति सिर्फ मोबाइल पर आप को घुमाते हैं तो यह इन्फौर्मेशन टैक्नोलौजी और पर्यटन मंत्री आप को प्रमाणपत्र दे देंगे जिस पर

शायद यह लिखा होगा- यह  भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय अपने महादानव कंप्यूटर तंत्रों की सहायता से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रमाणित करता है कि आप एक मोबाइल नंबर ????????९९ के मालिक हैं. अत: आप समृद्ध, सुखी, धनी हैं और आप की बाकी सारी  संपत्ति पर विशिष्ट अधिकार जनप्रिय, 70 फीसदी जनता की सहमति के आधार पर आप पर अतिरिक्त करों का बोझ डाल कर आप को विकसित देश के प्रति ऋण चुकाने का अवसर देते हुए पर अतिरिक्त करों का भार आप को सहर्ष सादर अर्पित करती है ताकि आप विश्वगुरु के साथसाथ विश्वनेता के देश के नागरिक भी बन जाएं.

हस्ताक्षर- मंत्री अल्फोंस कन्नाथनम (भारत सरकार की मुहर)

यह माखौल नहीं है. यह  आज के मंत्रियों की मानसिकता है, जो आम व्यक्ति के दुखदर्द की नहीं सोच रहे. पैट्रोल, डीजल के दाम बढ़ेंगे, रोज की चीजों पर जीएसटी बढ़ेगा तो घर का खर्च बढ़ेगा. बाइक होने से अमीरी नहीं आती. आज तो कार वाले भी अमीर नहीं होते.  पैट्रोल, डीजल बाइक या  कार में ही नहीं, बस, ट्रक, ट्रैक्टर   में भी डलता है और ये सब गरीबों के काम के होते हैं. उन्हें अमीरों की श्रेणी में डालने का अर्थ है कि अल्फोंस साहब शायद महंगे अल्फोंस आमों की तरह हर आम को एकजैसा समझते हैं.

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