Valentine’s Day : जरा ठहरो, सांस लो और अपनी बुद्धि जो भले ही मोटी हो उस पर जोर डाल कर समझने की कोशिश करो. यह दिन प्यार का है, किसी धर्म, जाति, देश या वैलेंटाइन का ठेका नहीं है. यह दिन सिर्फ उन लोगों के लिए नहीं जो प्रेमीप्रेमिका हैं, बल्कि यह मातापिता, भाईबहन, दोस्त और हर उस इंसान के लिए है, जिस से हम सच्चा प्यार करते हैं.
अब जरा सोचो, वैलेंटाइन डे से इतनी दिक्कत क्यों है? सिर्फ इसलिए कि इस दिन से सेंट शब्द जुड़ा है या यह अंगरेजी कैलेंडर के हिसाब से आता है? अगर ऐसा है, तो शायद आप अपने जन्मदिन को भी हिंदी कैलेंडर के हिसाब से मनाते होगें? केक के लिए बेकरी के चक्कर काटने के बजाए घर में ही हलवापूड़ी बनाते होंगे या हो सकता है कि अपने बच्चों का जन्मदिन विक्रम संवत में गिनते हो? नहीं न, तो फिर प्यार का यह दिन आते ही देशभक्ति और आप के अंदर का भक्त क्यों जाग जाता है?
अंगरेजी वैलेंटाइन डे से परेशानी पर अंगरेजी न्यू ईयर का जश्न
31 दिसंबर की रात को जब पूरी दुनिया नाचगा रही होती है, तो कोई नहीं कहता कि यह विदेशी नया साल है, इसे मत मनाओ, तब तो पटाखे भी फूटते हैं, पार्टियां भी होती हैं और जश्न भी मनता है. और 25 दिसंबर को तो बच्चे ‘सांता क्लौज’ बन कर मिठाइयां तक बांटते हैं. पर जैसे ही 14 फरवरी आता है, कुछ लोगों को संस्कृति की याद आ जाती है. जब विदेशी चीजों से इतनी दिक्कत है तो अंगरेजी महीनों में क्यों जी रहे हो? हिंदी कैलेंडर अपनाओ, सब अपनेआप ठीक हो जाएगा.
प्यार को अनैतिकता से जोड़ना कब बंद करो
कुछ लोग तो जैसे ‘प्यार’ शब्द सुनते ही आगबबूला हो जाते हैं. लगता है जैसे प्यार कोई गुनाह है. क्या मातापिता से प्यार करना गलत है? भाईबहन से प्यार करना अनैतिक है? दोस्तों को प्यार देना पाप है? नहीं न, तो फिर एक दिन अगर खासतौर पर प्यार के नाम कर दिया जाए, तो इस में बुराई क्या है? कोई जबरदस्ती थोड़ी न कर रहा कि गिफ्ट दो, पार्क जाओ. लेकिन अगर कोई इस दिन को प्यार को समर्पित करना चाहता है तो उस से भी आप को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
वैसे भी, जब मदर्स डे, फादर्स डे और फ्रैंडशिप डे धूमधाम से मनाते हो, तो वैलेंटाइन डे में क्या बुराई है? क्या मांबाप के लिए प्यार दिखाने का एक दिन गलत हो सकता है? नहीं न, तो फिर वैलेंटाइन डे पर इतना बवाल क्यों?
असली संस्कृति की याद सिर्फ 14 फरवरी को आती है
जब कोई विदेशी ब्रैंड के कपड़े पहनता है, विदेशी गाड़ियों में घूमता है, इंग्लिश गाने सुनता है, विदेशी बर्गर और पिज्जा खाता है, तब तो कोई संस्कृति की दुहाई नहीं देता. मगर जब प्यार की बात आती है, तब अचानक से सभी ‘संस्कृति के रक्षक’ बन जाते हैं. वैलेंटाइन डे का विरोध करने वालों से पूछो, क्या वे अपने जन्मदिन पर हलवापूरी बांटते हैं? केक काटते समय तो संस्कृति नहीं याद आती?
प्यार कोई अपराध नहीं, बल्कि एक भावना है
प्यार का कोई रंग नहीं, कोई धर्म नहीं, कोई सरहद नहीं. यह सिर्फ दिल से दिल का रिश्ता है. इस में राजनीति क्यों घुसेड़ रहे हो? अगर वैलेंटाइन डे का विरोध करना ही है तो फिर सारे ‘डे’ का विरोध करो. फिर कोई फ्रैंडशिप डे न मनाए, कोई मदर्स डे न मनाए, कोई फादर्स डे न मनाए. फिर तो सिर्फ एक ही दिन रह जाएगा,विरोध दिवस और त्याग दिवस. फिर तो बस ईद, दीवाली या होली आने का इंतजार कीजिए, खादी के धोती पहनिए, पांव में जूती, यह जींस या क्रौक्स के चक्कर में काहे पड़ते हैं?
प्यार को सम्मान दो, इसे बदनाम मत करो
अगर किसी दिन प्यार को सैलिब्रेट करने का मौका मिल रहा है, तो उसे बेवजह बदनाम न किया जाए तो बेहतर होगा. यह मत सोचो कि यह किसी विदेशी संत का दिन है. इसे इस नजर से देखो कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने अपनों से प्यार जताना चाहिए. हम अपने मातापिता से कह सकते हैं कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं, अपने भाईबहनों को गले लगा सकते हैं, दोस्तों को शुक्रिया कह सकते हैं.
इस दिन को गलत मत समझो, इसे अपनाओ. प्यार करने से डरने की जरूरत नहीं, नफरत से डरने की जरूरत है.