देशभर में महिलाओं के खिलाफ कुछ ऐसे अपराध होते हैं जो अमूमन दर्ज नहीं किए जाते. बहुत से लोगों को उस अपराध के बारे में पता भी नहीं होता. ऐसा ही एक अपराध है ताक-झांक करना या ‘वायरिज़म’. राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2021 में भारत में वायरिजम के केवल 1,513 मामले दर्ज किए गए. सब से अधिक मामलों वाला राज्य महाराष्ट्र (210) था. उस के बाद आंध्र प्रदेश (159) और ओडिशा (148) थे. मुंबई में 73 के साथ सब से अधिक मामले दर्ज किए गए. इस के बाद दिल्ली में 22, हैदराबाद में 18, चेन्नई और कोलकाता 17-17 के साथ पांचवें स्थान पर रहे.
इन आंकड़ों के मुताबिक़ मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा जैसे राज्यों में वॉयरिज्म के केस शून्य पर है पर इस का मतलब यह नहीं कि वहां ऐसे अपराध कम है. हो सकता है कि उन राज्यों की महिलाओं को यह न पता हो कि यह एक अपराध है और इस की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई जा सकती है या ऐसा भी हो सकता है कि महिलाओं ने अपने पीछा करने वालों पर ध्यान न दिया हो यानी इन राज्य में महिलाओं में ऐसे अपराध के प्रति जागरूकता न हो. मेट्रो शहर जागरूकता और शिक्षा के मामले में आगे हैं इसलिए रिपोट्स भी अधिक दर्ज होते हैं. लेकिन मेट्रो शहर में भी महिलाएं इस अपराध और संभावित उपायों के बारे में कम ही जानती हैं.
क्या है वायरिज़म
वायरिजम का मतलब किसी व्यक्ति का किसी महिला को छिप कर देखने या उस की तस्वीरें लेने से है. इस से महिला की निजता और गोपनीयता का हनन होता है. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 सी के तहत किसी निजी काम में लिप्त महिला को देखना और उसकी तस्वीर खींचना ताक झांक (वायरिजम) करना है.
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