मध्य प्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं घोटाला एक ऐसा नरभक्षी व्याघ्र है, जो उस के लिए खतरा बनने वाले हर शख्स को लील रहा है. नम्रता डामोर, जबलपुर कालेज डीन डा.साकल्ले व डा.शर्मा, पत्रकार अक्षय सिंह सहित 45 लोग इस व्याघ्र का शिकार हो चुके हैं. आसाराम मामले के गवाहों का भी व्यापमं जैसा ही हाल हो गया है. अब तक 9 गवाहों पर हमला हो चुका है, जिन में से 3 मारे जा चुके हैं. राजस्थान, हरियाणा, गुजरात व उत्तर प्रदेश जैसे 4 राज्यों की पुलिस खाली हाथ है और हमलावार यह पता कर रहे हैं कि गवाही में अगला नंबर किस का होगा. आसाराम मामले का व्याघ्र जो राजकोट, साबरमती, जोधपुर, पानीपत, मुजफ्फरनगर से होता हुआ अब शाहजहांपुर जा पहुंचा है, जहां की किशोरी ने आसाराम पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है. इस मामले के खास गवाह कृपाल सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई है. इस गवाह ने अपनी मौत से पहले से दिए गए बयान में बताया था कि मारने वाले आसाराम के खास गुरगे हैं.
कभी भक्ति से प्रेरित यह परिवार आसाराम से जुड़ा था. अब भक्ति छूट गई है और भय हावी हो गया है. यह खौफ इस कदर हावी है कि उस लड़की को शाहजहांपुर के एक घर में कैदी की तरह रहना पड़ रहा है. तब वह किशोरी 16 साल की थी और 12 वीं कक्षा में पढ़ती थी और अब वह 18 साल की है. गवाही के लिए आनेजाने के चलते उस का 1 साल बेकार हो गया है. इस साल उस ने कंप्यूटर और गृहविज्ञान विषय के साथ 12वीं कक्षा के इम्तिहान में 70 फीसदी अंक हासिल किए हैं और अब वह बी.कौम करना चाहती है. लेकिन कृपाल सिंह की मौत के बाद इस परिवार में इतना खौफ बढ़ गया है कि घर की देहरी लांघना मुश्किल हो गया है. इतिहास गवाह है कि तथाकथित धर्मगुरुओं की तलाश में अधंभक्त अंधेरे कुओं में ही धकेले गए हैं. इन कथित आश्रमों में भक्तों के साथ ऐसा ही हुआ है. दुष्कर्म के मामले के सामने आने के बाद भक्तों में खौफ बैठ गया है. मोक्ष के नाम पर लड़कियों को निकट बुलाने वाला खुद को कृष्ण और उन्हें गोपियां कहता था.