संजना लड़कियों से ज्यादा लड़कों से दोस्ती रखना पसंद करती है. उस के कई मेल फ्रैड्स हैं और वह अपने गु्रप में काफी फेमस भी है. उस का कहना है, अच्छे दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है. फिर चाहे वे लड़के हों या लड़कियां. मुझे अधिकतर लड़के ही दोस्त मिले और वे सभी बेहतर हैं, लड़कियों से.
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यह पूछे जाने पर कि आखिर वह एक लड़की होते हुए भी ऐसा क्यों बोल रही? तो वह हंसते हुए कहती है कि लड़कों से दोस्ती रखना आसान होता है. इन में लड़कियों जितना इगो नहीं होता, कंपीटिशन की भावना नहीं होती. कभीकभी ये लोग इतने सपोर्टिव होते हैं कि मैं उम्मीद भी नहीं कर सकती.
इस की एक बजह इन का आजाद स्वाभव भी है. वहीं लड़कियों में कंपीटिशन होता है, इन का इगो बहुत ही जल्द हर्ट हो जाता है और फिर एक लंबा समय लग जाता है उसे ठीक करने में जिस में खुद आप का मानसिक संतुलन खराब हो जाता है. हालांकि न ही लड़के और न ही लड़कियां हरकोई ऐसा नहीं होता. आप को लोगों की परख और दोस्ती के कुछ दायरे रखने पड़ते हैं. तभी समाज में फैले इस वहम को कि लड़केलड़कियां आपस में अच्छे दोस्त नहीं हो सकते को दूर किया जा सकता है.
आइए, जानें उन बाउंडरीज के बारे में जिन का ध्यान मेल दोस्तों के बीच रहने वाली फीमेल दोस्त को रखना चाहिए और साथ ही मेल दोस्तों को भी:
अपने पुरुष मित्रों के साथ ज्यादा टची न हों
पुरुषमहिला मित्रता में किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि से दूर रहना चाहिए. जिस तरह हम अपनी फीमेल दोस्तों के साथ एकदूसरे को छू कर बातें करते हैं. उसी तरह अपने मेल दोस्तों के साथ न करें वे इसे गलत इंडीकेटर सम?ा सकते हैं.