काव्या मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर के पोस्ट पर थी, उसकी उम्र लगभग 40 साल की थी. कहते हैं न कि “किसी महिला के पास ब्यूटी और ब्रेन हो, तो लाइफ में सफलता उसके कदमों को चूमती है.” काव्या की भी लाइफ कुछ ऐसी ही थी, लेकिन वह डिवोर्सी थी और एक बेटी की मां भी. काव्या की बेटी 12 वीं में थी.
काव्या अक्सर घर लेट आती थी. उसे उसका कौलिग छोड़ने आता था. काव्या की बेटी (रूही) को अपनी मां के कैरेक्टर पर शक था, उसे ऐस लग रहा था कि उसकी मां अपनी कौलिग के साथ रिलेशनशिप में है, इसलिए वह उसी के साथ औफिस से घर आती है और हर वीकेंड बाहर घूमने भी जाती है. वह सोच रही थी इस उम्र में मेरी मां किसी के साथ रिलेशनशिप में कैसे हो सकती है, वह काव्या से इस बारे में पूछना भी चाहती थी पर वह पूछ नहीं पाती थी.

ये सिर्फ काव्या के साथ ही नहीं हुआ, ऐसी कई घटनाएं सुनने को मिलती है कि बेटी मां के चरित्र पर शक करती है. साल 2019 में छत्तीसगढ़ में एक मामला सामने आया था, जानकारी के अनुसार जब बेटियों को अपनी मां के अवैध संबंध के बारे में पता चला, तो उन्होंने उस आदमी की पिटाई शुरू कर दी. हालांकि वर्किंग महिलाओं को इस तरह की समस्याओं का ज्यादा सामना करना पड़ता है. जब बच्चे उन्हीं के कैरेक्टर पर शक करने लगते हैं.

साइकोलौजिस्ट के अनुसार, पेरेंट के अफेयर का बुरा असर बड़े बच्‍चों की तुलना में छोटे बच्‍चों पर पड़ता है, क्‍योंकि वो अपनी हर छोटीछोटी जरूरत या सपोर्ट के लिए अपने पेरेंट पर ही निर्भर रहते हैं. इन बच्चों का इमशोनल सपोर्ट भी पेरेंट होते हैं.

हमारे समाज में काव्या जैसी कई महिलाएं वर्किंग और सिंगल पेरेंट है, ऐसा नहीं है कि मां बनने के बाद या तलाक हो जाने के बाद किसी साथी की जरूरत नहीं होती. हर उम्र के पड़ाव पर पार्टनर की जरूरत होती है. यह जरूरी नहीं है कि केवल फिजिकल नीड के लिए ही महिला को साथी चाहिए, कई बार इमोशनली सपोर्ट के लिए भी किसी के सहारे की जरूरत होती है.

एक सर्वे के अनुसार, पेरेंट बनने के बाद लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की तरफ बढ़ते हैं. हम सभी जानते हैं कि पतिपत्नी दोनों को बच्चों को ज्यादा देखभाल करने और समय देने की जरूरत होती है. ऐसे में दोनों का ध्यान एकदूसरे से हटता है. इस तरह पेरेंट्स शादी से बाहर रिश्ते तलाश करते हैं.

मां को बेटी के साथ फ्रेंडली होना चाहिए, खासकर जब महिलाएं वर्किंग और सिंगल पेरेंट हैं. दरअसल, आप अपनी बेटी से दिल की बात कह सकती हैं, आप अपने कौलिग या दोस्तों के बारे में खुलकर बातें शेयर कर सकती हैं. कहा जाता है कि मां और बेटी सबसे अच्छी दोस्त होती है और यह बात सच भी है. अगर मांबेटी आपस में खुलकर बात नहीं करती हैं, तो चीजें गलत हो जाएंगी, इससे दोनों के रिश्ते में दूरियां भी बढ़ेगी.

हम आपको इस आर्टिकल में कुछ प्वाइंट्स के जरिए बताएंगे कि जब बेटी मां के कैरेक्टर पर शक करती है, तो इस कंडीशन में दोनों को क्या करना चाहिए?

• मां के दोस्तों से बेटी को प्रौब्लम होती है, तो आपदोनों इस बारे में बात करें.
• बेटी को भी यह समझना जरूरी है कि मां को भी कोई पसंद आ सकता है.
• कई बार किसी लड़की को ये लगता है कि अगर उसके मां के लाइफ में कोई दूसर व्यक्ति आएगा तो इससे उनके रिश्ते पर असर पड़ेगा, इसलिए वो नहीं चाहती कि मां का किसी के साथ अफेयर हो.
• मां के लाइफ में किसी और के आ जाने से बेटी के लिए उसका प्यार कम नहीं हो सकता है. हो सकता है कि मां और उसका पार्टनर दोनों मिलकर बेटी की और भी अच्छे से ख्याल रखें.

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