22 जुलाई, 2024 को हाथरस में एक सत्संग में हुई भगदड में तकरीबन 121 लोग मारे गए और कई घायल हुए. मारे गए लोगों की संख्या और भी बढ़ सकती है. जिस ने यह सब करीब से देखा उन का कहना था कि जब बाबा ने अपने भक्तों से अपने चरणों की धूल लेने के लिए कहा तब अचानक से लोग दौड़ने लगे और भगदड मच गई. घटना के बाद से ही चमत्कारी बाबा गायब है.
भारत के लगभग हर कोने में ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो अपने ऐजेंटों की मदद से शहरों और गांवों में अपना
प्रचार करते हैं और अपना गोरखधंधा चलाते है. सोशल मीडिया के इस युग में इन का काम और भी आसान हो गया है. टीवी चैनलों पर रातदिन इन के प्रवचनों के वीडियो लगातार प्रसारित होते हैं जहां ये खुद को ऐसे दिखाते हैं जैसेकि भगवान के भेजे हुए कोई दूत हों. बड़ेबड़े सिंहासन, चारों तरफ चकाचौंध और भक्तों से घिरे ये बाबा बड़ी ही आसानी से लोगों को बेवकूफ बनाने का काम करते हैं।
कोई भी बन जाता है भगवान
वैसे, कमाल की बात यह है कि भारत में मामूली लोगों को भी भगवान बना दिया जाता है और उन्हें पूजना शुरू कर दिया जाता है और इस तरह से खुद को भगवान, बाबा और गुरु घोषित कर देने वाले 1-2 या दर्जनभर नहीं बल्कि सैकड़ों और हजारों की तादात में होते हैं.
आज भारत के किसी भी कोने में ऐसे ढोंगी बाबा मिल जाएंगे. उन में से बहुत कम को छोड़ कर, जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है सही कामों में लगे हुए हैं लेकिन उन्हें बाबा नहीं कहा जा सकता है, बाकी ज्यादातर बदमाश हैं जो तथाकथित आश्रमों में 10-20 बौडीगार्ड के साथ राइफलों से लैस और युवा भारतीय या विदेशी महिला अनुयायियों के साथ आलीशान भवनों में रहते हैं.