छत्तीसगढ़ में कम्यूनिटी या सामुदायिक पुलिस के तहत महिला कमाण्डो या संगवारी पुलिस का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है. संगवारी पुलिस केन्द्र सरकार की एक योजना है जिसमे महिलाओं की समिति बनाई गई है और पुलिस अपना पूरा सहयोग दे रही है . इस योजना में महिलाओं की सौ प्रतिशत भागीदारी है. यहां यह बताना लाजिमी होगा कि संगवारी पुलिस का मुख्य उद्देश्य गैर कानूनी, अपराधिक, असामाजिक कृत्य नशाखोरी इत्यादि पर रोकथाम करना है . यह योजना छत्तीसगढ़ के हर गांव, शहर, नगर, कस्बों, वार्ड, पन्चायत में चल रही है .
महिला संगवारी छत्तीसगढ़ पुलिस का महिला जागरुकता की ओर एक सुनहरा और सराहनीय कदम कहां जा सकता है. पुलिस और जनता के बीच आज भी बहुत दूरी है उस दूरी को कम करने के लिए ही केन्द्र सरकार के निर्देशन में कम्यूनिटी पुलिस के या सामुदायिक पुलिस महिला संगवारी पुलिस का गठन किया है.
महिला संगवारी पुलिस नीली साड़ी पहन कर, हाथ मे डण्डा और सीटी लेकर रात को अपने क्षेत्र के सभी गलियों और मुहल्ले मे घूम रही हैं . इसका सबसे बड़ा लाभ यह मिल रहा है कि पुलिस के पास जो रोजाना छोटी-छोटी जन शिकायतें थाने या चौकी मेँ होती हैं उसके लिए अब पुलिस को वहां जाकर शिकायत का समाधान नहीं करना पड़ रहा है. ऐसे मामलों को संगवारी पुलिस टीम स्वयं ही निपटारा कर रही है बिना पुलिस की सहायता लिये. बड़े वारदातों और शिकायतों पर ही पुलिस की सहायता ली जा रहा है.
महिलाओं के माध्यम से शराब खोरी पर रोक
वैसे तो संगवारी पुलिस संगठन सभी अपराधिक, गैर कानूनी कार्य व असमाजिक कृत्य की रोकथाम के लिए बनाया गया है किन्तु इस योजना का सबसे बड़ा केन्द्र बिंदू है शराब सेवन और शराब सेवन से हो रहे अपराध हैं . जिला रायपुर के तिल्दा थाना में पदस्थ पुलिस अधिकारी शरद चंद्रा बताते हैं इस कार्य की शुरुआत महिला कमाण्डो स्वयं अपने घर से कर रही हैं.क्योंकि यदि वे अपने घर को सुधार नहीं पायेंगी तो समाज को कैसे सुधार पायेंगी. महिला रात्रि में 3 घंटे रोजाना अपने आसपास के गली, कुचे और मोहल्ले में पुलिस की भान्ति गश्त कर रही हैं . जबकि यह कार्य बिल्कुल निशुल्क है, जी हां इस कार्य के लिए संगवारी पुलिस महिलाओं को किसी भी प्रकार का कोई पारिश्रमिक या मानदेय नही दिया जाता. बावजूद इसके संगवारी पुलिस महिलायें बड़े उत्साह और तत्परता से अपना कर्तव्य निर्वहन कर रही हैं.
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