77 साल की उम्र में भी सोनिया गांधी को साड़ी में तेज कदमों से चलते देखकर यह यकीन करना मुश्किल होता है कि यह महिला सन 1968  तक वेस्टर्न ड्रैसेज में इटली की चौड़ी सड़कों को अपने नाजुक कदमों से बड़े सधे हुए अंदाज से नापती रही होगी.

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पहले और अभी की उनकी फोटोग्राफ्स ही बता देती है कि ‘अंटोनियो एडवीज अल्बिना मायनो’ से ‘सोनिया गांधी’ बनने तक का सफर कतई आसान नहीं रहा हाेगा,  बात स्कर्टटौप  छोड़कर साड़ी पहनने तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक साधारण लड़की के असाधारण सफर की शुरुआत की तरह है, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव के प्यार में गिरफ्तार होकर तत्कालीन भारत के सबसे प्रभावशाली घराने की चाहरदीवारी में रहने की कल्पना ही सिहरन पैदा कर देती होगी

वो शाम भी अजीब थी जब इटली की एक सिंपल लड़की का परिचय हिंदुस्तान की राजनीति से हो रहा था कैंब्रिज में पढ़ रही सोनिया यानी अंटोनियो को भी यह पता नहीं था कि वह शाम उनकी लाइफ को हमेशा के लिए बदलने जा रही है, वह अपनी फ्रेंड के साथ रेस्टोरेंट में थी, तभी उनके दोस्त क्रिश्चियन वान ने उनकी मुलाकात एक शख्स से कराई जिसका नाम राजीव था, तब अंटोनियो ने शरमाते हुए उनसे हाथ मिलाया था.  लेखिका रानी सिंह ने सोनिया गांधी - एन एक्सट्राऑर्डीनरी लाइफ, एन इंडियन डेस्टिनी में लिखा हे कि सोनिया को राजीव से पहली नजर में मोहब्बत हो गई थी, राजीव ने अपनी मां इंदिरा गांधी को जो भारत की सूचना और प्रसारण मंत्री थी को लिखे लेटर्स में सोनिया के लिए अपनी मोहब्बत का जिक्र किया था

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