आजकल समाचारपत्र और पत्रिकाएं महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या, छेड़खानी, यौन उत्पीड़न आदि घटनाओं की खबरों से भरी रहती हैं. विशेषरूप से नवयुवतियों, किशोरियों के लिए राह चलना मुश्किल हो गया है. कानून की पहुंच हर जगह सुलभ नहीं हो पाती और न ही उस की मदद समय से मिल पाती है. फिर ऐसी घटनाएं सामने होते हुए भी लोग तमाशबीन बने रहते हैं. ऐसे में युवतियों को अपनी सुरक्षा व संकट की स्थिति से निबटने के लिए खुद को तैयार रखना बहुत जरूरी हो गया है.
यहां कुछ ऐसी सावधानियों और सुरक्षा के उपायों के बारे में बताया जा रहा है, जिन के उपयोग से महिलाएं, युवतियां ऐसी अप्रिय स्थितियों का शिकार होने से बच सकती हैं:
लड़के व लड़कियों में मित्रता
शिक्षा के अवसर बढ़ने तथा सामाजिक परिवर्तनों के कारण आजकल युवकयुवतियों में मित्रता आम बात हो गई है. आजकल आधुनिक परिवार इस दोस्ती को बुरा भी नहीं मानते. पर ध्यान रखें कि जहां लड़कियों में मित्रता का भाव एक साथी, मददगार और निस्स्वार्थ दोस्त पाने का होता है, वहीं औसतन लड़कों का भाव सैक्स से प्रभावित होता है. ऐसी स्थिति में युवतियों के लिए युवकों से दोस्ती करने के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
शुरू में ही बहुत अधिक खुल जाना या अपने परिवार के बारे में सारी जानकारी देना उचित नहीं है. धीरेधीरे व सोचसमझ कर, परख कर आगे बढ़ना चाहिए.
शुरू में ही अपनी दोस्ती की सीमा साफ कर देनी चाहिए.
बहुत अच्छा होगा यदि अपने दोस्त को अपने पेरैंट्स से एक बार मिलवा दें.
अपने मित्र के साथ कभी एकांत जगह पर जाने का जोखिम न लें. और यदि जाना ही पड़े तो अपने मोबाइल से पेरैंट्स को सूचना अवश्य दे दें कि आप अमुक स्थान पर जा रही हैं और इतना समय लगेगा. फोन बौयफ्रैंड के सामने करें ताकि वह भी सुन सके. यदि आप के फोन के बाद वह गंतव्य स्थान बदलता है, तो आप को सावधान हो जाना चाहिए. कोई बहाना कर बदले स्थान पर जाना टाल दें.
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