मिसेज वर्ल्ड का खिताब 21 साल बाद फिर एक बार भारत के नाम हुआ. 2022 में यह खिताब सरगम कौशल ने जीता, जो एक मौडल हैं, मगर मौडलिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले वे विशाखापट्टनम में अध्यापन का कार्य कर रही थीं. मिसेज वर्ल्ड का खिताब इस से पहले वर्ष 2001 में डा. अदिति गोवित्रीकर ने जीता था.
सरगम का जन्म 17 सितंबर, 1990 को हुआ था. जम्मू कश्मीर की रहने वाली सरगम कौशल अभी 32 वर्ष की हैं. 2018 में उन की शादी आदित्य मनोहर शर्मा से हुई जो भारतीय नौसेना में लैफ्टिनैंट कमांडर हैं. सरगम अपनी कामयाबी का क्रैडिट अपने पिता और पति को देती हैं, जो उन के हर कदम और फैसले में साथ खड़े रहते हैं.
सरगम के पिता जी.एस. कौशल बैंक औफ इंडिया में चीफ मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं और माता रीमा खजुरिया गृहिणी हैं. सरगम का एक छोटा भाई मंथन कौशल है.
लड़कियां हर क्षेत्र में आगे
सरगम को मिसेज वर्ल्ड का ताज मिलने के बाद जब लोग उन के मातापिता को बधाई देने पहुंचे तो बेटी की इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए उन की मां ने कहा, ‘‘आज हम सरगम के नाम से पहचाने जा रहे हैं. हमारी बेटी ने अपनी इच्छाशक्ति और मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया है और इस में उस के पति आदित्य का बड़ा योगदान है. यह न सिर्फ जम्मू कश्मीर वरन पूरे देश के लिए गर्व की बात है. वर्तमान समय में लड़केलड़कियां बराबर हैं. आज लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं.
मैं लोगों से कहना चाहूंगी कि जब भी मौका मिले लड़कियों के लिए कुछ न कुछ जरूर करें. उन्होंने प्रेरित करें और उन का सहारा बनें. बेटियां परिवार के साथ देश का नाम भी रोशन करती हैं, यह सरगम ने सच कर दिखाया है.’’
भारतीयों के लिए गर्व का क्षण
शादी के बाद सरगम जब मुंबई आईं तब उन्हें मौडलिंग का चस्का चढ़ा. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और जल्द ही वे इंडस्ट्री में स्थापित हो गईं. उन के ससुराल वालों ने भी उन का पूरा साथ दिया. जब उन्होंने मिसेज वर्ल्ड प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया तो घर वालों ने उन का हौसला बढ़ाया. एक कठिन प्रतियोगिता जो कई राउंड में समाप्त हुई और जब स्टेज पर ‘मिसेज वर्ल्ड’ का नाम अनाउंस हुआ, तो अपना नाम सुन कर सरगम कौशल हैरान रह गईं. खिताब लेते वक्त उन की आंखों में आंसू थे. इमोशनल मोमैंट की झलक शेयर करते हुए इंस्टाग्राम अकाउंट पर सरगम ने कैप्शन में लिखा, ‘‘लंबा इंतजार खत्म हुआ,
21 साल बाद हमारे पास ताज वापस आया है.’’उन की इस जीत से भारत का सिर फक्र से ऊंचा हुआ. भारतीयों के लिए वह गर्व का क्षण था. मिसेज वर्ल्ड दुनिया का पहला ऐसा ब्यूटी पेजैंट है, जिसे शादीशुदा महिलाओं के लिए बनाया गया है. इस की शुरुआत 1984 में हुई थी. पहले इस का नाम ‘मिसेज अमेरिका’ था, जिसे बाद में ‘मिसेज वूमन औफ द वर्ल्ड’ कर दिया गया. मगर 1988 में एक बार फिर इस का नाम बदला और इस आयोजन को ‘मिसेज वर्ल्ड’ का नाम दिया गया. पहला मिसेज वर्ल्ड खिताब जीतने वाली महिला श्रीलंका की रोजी सेनानायाके थीं.
पिछले दिनों सरगम अपने शहर जम्मू पहुंचीं जहां लोगों ने उन का जोरदार स्वागत किया. सरगम ने जम्मू के एक कार्यक्रम में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘लोगों के प्यार और मातापिता के आशीर्वाद से मुझे यह खिताब मिला. मैं महिलाओं से यही कहना चाहती हूं कि अपने लिए हमेशा प्लान बी भी तैयार रखें. मैं यदि मौडलिंग के क्षेत्र में नाम नहीं बना पाती तो मेरा प्लान बी टीचर बनना था. यदि एक रास्ता बंद होता दिखे तो बिना समय बरबाद किए दूसरा रास्ता ढूंढ़ने में ही समझदारी है.’’