आज सुबह जब मैं रनिंग के लिए टाउन पार्क गया तो देखा कि 4-5 स्कूली बच्चे कुछ पोस्टर लिए वाकिंग ट्रेक पर चल रहे थे. सब से आगे चल रहा बच्चा गिटार पर कोई धुन बजा रहा था.

वे पोस्टर 'पर्यावरण बचाओ' से जुड़े थे जिन में लोगों को प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करने और इस से धरती को होने वाले संभावित खतरों के बारे में बताया गया था. फिर याद आया कि देश आज ईद की छुट्टी तो मना रहा है पर यह भूल गया है कि आज 'विश्व पर्यावरण दिवस' भी है.

उन बच्चों के साथ एक टीचर भी थीं जो अपने होनहारों के साथ जनता में पर्यावरण को ले कर जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रही थीं. फरीदाबाद के एसओएस हर्मन्न ग्मेंएर स्कूल में एकॉनोमिक्स की उन टीचर गुरजीत कौर ने बताया, "आज पर्यावरण दिवस पर हमारी यह छोटी सी पहल है जिस में हम लोगों को आने वाले समय में पर्यावरण से जुड़े खतरों से आगाह करना चाहते हैं. इस में प्लास्टिक से बनी चीजों का सब से अहम रोल होगा और अगर लोग कम से कम एक पेड़ लगाएं और एक दिन के लिए ही सही प्लास्टिक से बनी चीजों को न इस्तेमाल करें तो हमारी इस मुहिम को बल मिलेगा.

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"हम लोगों को यहांवहां कूड़ा फेंकने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताना चाहते हैं कि इस से हमारा शहर तो गंदा होता ही है, नई पीढ़ी को भी हम अच्छी सीख नहीं दे पाते हैं.

"अगर हम सब यह सोच मन में बैठा लेंगे कि बिजली और पानी हमारे लिए अनमोल हैं और इन्हें ज्यादा से ज्यादा समय तक बनाए और बचाए रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है तो हम नई पीढ़ी को बहुतकुछ दे पाएंगे."

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