प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जापान के शहर क्योटो की यात्रा पर गए थे, तभी से वह चाहते थे कि काशी के मूल स्वरूप को बरकार रखते हुए इस प्राचीन शहर को क्योटो के तर्ज पर विकसित किया जाए . यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने काशी के हेरिटेज़ को ध्यान में रखते हुए तेजी से वाराणसी में चौतरफ़ा विकास का ख़ाका खींचा है. जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है. इसकी बानगी है , गोदोलिया से शीतला घाट तक पिंक कॉरिडोर. वाराणसी का गौदोलिया क्षेत्र अब ग़ुलाबी गलियारा सा दिखने लगा है. सड़क के दोनों तरफ़ की प्राचीन इमारतों को उनके मूल स्वरुप के साथ ख़ूबसूरत बनाया गया है . काशी के हेरिटेज़ को ध्यान में रखते हुए दुकानों व भवनों को सजाया सवारा गया है. चित्रकारी की थीम वाराणसी के प्राचीन पौराणिक भवनों के संरचना पर आधारित है. वाराणसी नगर के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गये पत्थर की नक्काशी तथा भवनों की संरचना, डिजाईनों का ,चित्रकारी के कार्य में समावेश किया गया है.
काशी के गोदोलिया क्षेत्र में आप आये तो शायद चौंक जाएंगे. इस क्षेत्र का रंग -रूप संवर गया है. गोदोलिया से शीतला घाट तक जाने वाला रास्ता अब आपको बदला-बदला सा नज़र आएगा. इस बाज़ार से गुजरने पर आप को ग़ुलाबी एहसास होगा. इस मार्ग के दोनों तरफ के भवनों और दुकानों में एक रूपता दिखे इसका ध्यान रखते हुए सुंदरीकरण का काम किया गया है. काशी के हेरिटेज को ध्यान में रखते हुए भवनों व दुकानों की समरूपता को बनाए रखते हुए गोदौलिया चौराहे से शीतला घाट तक जाने वाले मार्ग के दोनो तरफ स्थित 58 भवनों एवं 350 दुकानों के शटर पर पेंटिंग,फसाड डिजाइनिंग का काम किया गया है. इस बाज़ार में पड़ने वाली सभी दुकानों के साइनेज बोर्ड में भी एक रूपता रखी गई है. जो देखने में सुन्दर लग रहे है. पेंटिंग की थीम वाराणसी के धार्मिक ,आध्यात्मिक व ऐतिहासिक भवनों के बनावट पर आधारित है. बनारस के ऐतिहासिक भवनों एवं किलों में प्रयोग किये गए पत्थर की नक्काशी तथा भवनों की संरचना, गुम्बद, खिड़की, दरवाजों, झज्जों के डिजाईनों की चित्रकारी के कार्य में इसका समावेश किया गया है.
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया की काशी बहुत प्राचीन शहर है. इसका मूलस्वरूप बदले बिना यहाँ के धरोहरों को सहेजने का काम किया जा रहा है. ऐतिहासिक धरोहरों के पेंटिंग में इस्तमाल रंगों का ख़ास ख़्याल रखा गया है. इसका चयन चुनार के लाल पत्थर से लिया गया है क्योकि चुनार के लाल पत्थर ही वाराणसी के अधिकतर प्राचीन भवनों, महलों, किलों में उपयोग किया गया है. दुकानों के शटर का डिजाईन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की डिजाईन पर आधारित है. वाराणसी स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा ग़ुलाबी गलियारे का काम कराया जा रहा है. जिसकी लागत करीब 94 लाख रुपये आयी है.