तंत्र मंत्र, टोने टोटके, लालच और अंधविश्वास के जाल में उलझने वाली महिलाओं की कतार ढोंगी और पाखंडियों की चौखटों पर बढ़ रही होती है. अंधविश्वास का फायदा उठाने वालों को भी लगता है कि महिलाओं की भावुकता का फायदा उठा कर उन्हें उल्लू बनाना आसान है. भागतीदौड़ती जिंदगी में समस्याओं का आना आम बात है. हर कोई अपनी जिंदगी में खुशियों की कल्पना करता है. यह बुरा भी नहीं है, लेकिन दिक्कत तब सामने आती है जब अंधविश्वास सिर चढ़ कर बोलता है और महिलाएं समस्याओं का समाधान और खुशियों को पूरा करने का शौर्टकर्ट फौर्मूला तांत्रिकों, मुल्लामौलवियों और पंडेपुजारियों के पास खोजती हैं. लेकिन कड़वी हकीकत यह है कि इस से जिंदगी आसान होने के बजाय और उलझ जाती है.

चारू गुप्ता ने एक तांत्रिक कमाल पाशा का लुभावना विज्ञापन देखा. प्रभावित हो कर वह उस के पास पहुंच गई और अपने पिता की बीमारी का इलाज करने को कहा. यों तो बीमारियों का इलाज चिकित्सकों के पास होता है, लेकिन चारू अंधविश्वास में पड़ गई. तांत्रिक ने वादा कर लिया कि वह उस के पिता को बीमारी से पूरी तरह मुक्त कर देगा. तंत्र पूजा करने के नाम पर उस ने 1 लाख 90 हजार नकद ले लिए. जब कोई आराम नहीं हुआ, तो तांत्रिक ने समझाया कि बाधा बड़ी है. लिहाजा सुदूर जा कर विशेष पूजा से ही बीमारी से मुक्ति मिलेगी. इस में खर्चा भी ज्यादा आएगा. उस ने चारू से 2 लाख 53 हजार धीरेधीरे अपने खाते में जमा करा लिए. चारू के पिता की बीमारी तो ठीक नहीं हुई, लेकिन इस बीच तांत्रिक ठगी के बाद फरार हो गया. गाजियाबाद पुलिस ने शिकायत मिलने पर बाद में ढोंगी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया. तांत्रिक ने पुलिस को बताया कि चारू उस की अकेली शिकार नहीं थी. वह पहले भी कई महिलाओं को इसी तरह ठग चुका था.

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