वर्तमान समय में महिलाओं ने भले ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ली हों, मगर कामयाबी की रेस में अपने स्वास्थ्य को उन्होंने काफी पीछे छोड़ दिया है. इसीलिए आज महिलाएं कई तरह की मानसिक सहित और कई शारीरिक बीमारियों की शिकार हैं.
इस बाबत फिटनैस ट्रेनर सोनिया बजाज कहती हैं कि अधिकतर बीमारियों की उपज थकावट और तनाव है. कामकाजी महिलाओं को इन दोनों ही स्थितियों से गुजरना पड़ता है, क्योंकि उन पर दफ्तर और घर दोनों की जिम्मेदारियों का बोझ होता है. इस चक्कर में उन के लिए अपने लिए समय निकाल पाना बेहद मुश्किल होता है. फिर भी पूरे दिन में 30 मिनट खुद के लिए निकाल कर व्यायाम करना या हलकीफुलकी सैर करना मानसिक तनाव को कम करती है और शारीरिक ऊर्जा बढ़ाती है.
क्यों जरूरी है चलना
आधुनिक युग में अगर महिलाओं का काम बढ़ा है तो उसे करने के लिए सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है. उदाहरण के तौर पर लिफ्ट, कंप्यूटर और मोबाइल को ही ले लीजिए. जहां पहले भागभाग कर दफ्तर के काम करने पड़ते थे वहीं अब बैठेबैठे ही हर काम हो जाता है. घर पर मौजूद हाइटैक ऐप्लायंसिस ने भी महिलाओं की शारीरिक गतिविधियों को कम कर दिया है.
इस बारे में सोनिया कहती हैं कि हो सकता कि बैठेबैठे काम करने से कम समय में अधिक काम हो जाता हो, मगर इस का स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. खासतौर पर इस से वजन बढ़ने और दिल का रोग होने की संभावना बढ़ जाती है. जबकि थोड़ाबहुत चलते रहने पर रक्तसंचार अच्छा रहता है, शरीर के हर अंग तक सही मात्र में औक्सीजन पहुंचती रहती है, जिस से वजन भी नहीं बढ़ता है और ब्लडप्रैशर भी नियंत्रित रहता है.
वैसे तो जितना तेज चला जाए सेहत के लिए उतना ही अच्छा होता है, मगर दफ्तर में यह संभव नहीं है. इसलिए हर 1 घंटे में 2 मिनट के लिए अपनी सीट से उठ कर थोड़ा टहल लेना भी फायदेमंद साबित हो सकता है. मगर आंतों में जमी चरबी को कम करने के लिए हफ्ते में 3 दिन 30 मिनट तेज चलना हर महिला के लिए जरूरी है वरना लिवर और गुरदों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
तेज चलने के और भी फायदे हैं.
– 30 मिनट तेज चलने से 150 से ले कर 200 कैलोरीज बर्न की जा सकती हैं.
– तेज चलना टाइप 2 डायबिटीज की संभावना को भी कम करता है.
– दिमाग के महत्त्वपूर्ण हिस्से हिप्पोकैंपस का वौल्यूम भी तेज रफ्तार चलने से 2% बढ़ जाता है. इस से स्मरणशक्ति बढ़ती है.
– तेज चलने से इम्यून सिस्टम भी बढ़ता है, जिस से शरीर के रोगग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है.
व्यायाम से रहें फिट
तेज चलने के साथसाथ व्यायाम करना भी महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है. महिलाओं को भ्रम होता है कि व्यायाम केवल वजन कम करने के लिए किया जाता है जबकि ऐसा नहीं है. व्यायाम से कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों का इलाज संभव है.
दिलचस्प बात यह है कि व्यायाम करने के लिए जिम जाने की भी जरूरत नहीं है. घर पर ही कुछ समय निकाल कर थोड़ाबहुत व्यायाम किया जा सकता है. व्यायाम के निम्नलिखित लाभ हैं.
– 30 की उम्र के बाद महिलाओं में हड्डियों से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं, जिन में औस्टियोपोरोसिस सब से प्रमुख है. इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो कर टूटने लगती हैं. इस से बचने के लिए वेट लिफ्टिंग, जौगिंग, हाइकिंग और रस्सी कूदने जैसे व्यायाम किए जा सकते हैं. इस से हड्डियां मजबूत होती हैं.
– उम्र के साथसाथ महिलाओं की मांसपेशियों में टिशूज बनना बंद हो जाते हैं. ऐसा मैटाबोलिज्म लैवल के कम होने से होता है. इस से मोटापा बढ़ने लगता है. मगर व्यायाम मैटाबोलिज्म लैवल को बढ़ाता है, जिस से मांसपेशियों में टिशू बनने की गति तेज हो जाती है.
– कब्ज की समस्या में भी व्यायाम काफी मददगार है. इस समस्या के लिए ऐरोबिक, स्विमिंग और बाइकिंग व्यायाम सब से अच्छे हैं. इन से रक्तसंचार सुचारु होता है और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट तक पहुंचता है, जिस से खाना अच्छी तरह से हजम हो जाता है.
– व्यायाम करते समय मस्तिष्क से रिलीज होने वाले न्यूरोट्रांसमिटर्स और ऐंडोर्फिन कैमिकल अवसाद, बेचैनी और तनाव को भी कम करते हैं.
– व्यायाम मुंहासों की समस्या का भी सब से अच्छा समाधान है. दरअसल, व्यायाम करते समय पसीने के साथ डीएचइए एवं डीएचटी जैसे हारमोन भी रिलीज होते हैं, जो त्वचा के बंद छिद्रों को खोलते हैं, जिस से त्वचा की गहरी परतों में छिपी गंदगी बाहर निकल जाती है.
अत: महिलाएं अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव कर यदि 30 मिनट भी निकाल लें, तो खुद को कई गंभीर रोगों से बचा सकती हैं.