“लगता है बारिश होगी. हवाएँ भी कितनी ठंडी-ठंडी चल रही है” कह कर रचना उस रोज, जब दोनों एक ही छत पर साथ बैठे हुए थे,अपने आप में ही सिकुड़ने लगी, तभी अमन ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और दोनों वहीं जमीन पर बैठ गए. कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे कीआँखों में ऐसे डुबे रहे, जैसे उनके आसपास कोई हो ही न.शिखर हौले-हौले रचना के बालों में उँगलियाँ फिराने लगा और वह मदहोश उसके बाहों सिकुड़ती चली गई. “अभी तो लोगों को डिस्टेन्स बनाकर कर चलने के लिए कहा जा रहा है और हम यहाँ एक साथ बैठे प्यार-मुहब्बत कर रहे हैं। अगर किसी ने देख लिया हमारा कोरोना प्यार तो?” हँसते हुए रचना बोली.
“हाँ, सही है यार....... किसी ने देख लिया तो ?पता है, पुलिस लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर डंडे बरसा रही है” कह कर शिखर हंसा तो रचना भी हंस पड़ी. “वैसे,क्यों न हम अपने प्यार का नाम ‘ कोरोना लव” रख दें. कैसा रहेगा ?”
तभी अचानक से शरीर पर पानी की बुँदे पड़ते देख दोनों चौंक पड़े. “ब बारिश, बारिश हो रही है शिखर ! ओ..... माँ, इस मार्च के महीने में बारिश ?’ बोलकर रचना एक बच्ची की तरह चिहुक उठी और अपनी हथेलियाँ फैलाकर गोल-गोल घूमने लगी. मज़ा आ रहा था उसे बारिश में भीगने में. लेकिन तबीयत बिगड़ने के डर से दोनों वापस में घर आ गए, क्योंकि यह बेमौसम की बारिश थी और वैसे, भी, अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है, तो बारिश मे भिंगना ठीक नहीं.लेकिन दोनों की बातें अभी खत्म नहीं हुई थी. सो वे अपनी-अपनी खिड़की से ही इशारों मे बातें करने लगे.