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अखबार में छपी एक खबर की वजह से एक ही दिन में जैसे खुशबू की सारी दुनिया ही बदल गई. अपनों के बीच जैसे खुशबू एकाएक बेगानी हो गई.

देखने में तो अब भी सबकुछ पहले जैसा ही दिखता था, लेकिन नजरों के साथसाथ दिलों में भी कहीं फर्क  आ गया था. मम्मी के स्पर्श से भी खुशबू इस फर्क को महसूस कर सकती थी. मम्मी के स्पर्श में वैसे अब एक संकोच और दुविधा थी.

खुशबू के वजूद पर ही जैसे एक सवालिया निशान लग गया था. मगर सवाल यह भी था कि खुशबू का कुसूर क्या था? उस  के जन्म के समय कहां पर क्या हुआ था, किस ने क्या बेईमानी की थी उसे क्या मालूम.

अखबार में छपी खबर ने 7 वर्षीय खुशबू को उस के अपने ही घर में अजनबी जैसा बना दिया था. बाहर के एक नर्सिंगहोम के स्कैंडल को ले कर भी इस प्राइवेट नर्सिंगहोम को पुलिस ने सील कर के उस की संचालिका और नर्सिंगहोम में काम करने वाली कुछ नर्सों को भी गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने यह सारी काररवाई उस नर्सिंगहोम में बच्चे को जन्म देने वाली एक महिला की शिकायत पर की थी. शिकायत करने वाली महिला का आरोप था कि नर्सिंगहोम में उस के बच्चे को बदल दिया गया, महिला के अनुसार उस ने नर्सिंगहोम में  जिस बच्चे को जन्म दिया था वह एक लड़का था. मगर उस के बदले में उसे एक लड़की मिली थी.

शिकायत करने वाली महिला ने बच्चे को बदले जाने के संबंध में नर्सिंगहोम की 2 नर्सों पर अपना शक जाहिर किया था.

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