लेखक- नीरज कुमार मिश्रा
“अब छोड़ो भी….जाने दो मुझे …..मेरे पति का रणबीर का फोन आता ही होगा ” रूबी ने अजय सिंह की बाहों में कसमसाते हुए कहा
“अच्छा तो अपने पति के वापस आते ही मुझसे नखरे दिखाने लगी तुम ”अजय सिंह ने रूबी के सीने पर हाथ का दबाव बढ़ाते हुए कहा
“क्या बताऊँ…..अजय ….जब से मेरा मर्द गुजरात से कमाई करके लौटा है तबसे सेक्स का भूखा भेड़िया बन गया है रात में भी मुझे सोने नहीं देता ….. ” रूबी ने एक मादक अंगड़ाई लेते हुए कहा
“तो तुम भी सेक्स के मज़े लो …..इसमें परेशानी की क्या बात है भला ? ” एक भद्दी सी मुस्कुराहट के साथ अजय सिंह ने कहा
“रात में उसका बिस्तर गरम करूं और दिन में तुम्हारे जोश को ठंडा करूं …..अरे मैं एक औरत हूँ कोई सेक्स डॉल नहीं …..और फिर मैं प्यार तो तुमसे करती हूँ न …..मेरा वो तोंद वाला मोटा पति मुझे कतई पसंद नहीं ”
ये कहकर रूबी ने अजय सिंह को अपनी बाहों में भर लिया .
तीखे नैननक्श और भरे बदन वाली रूबी पर मोहल्ले के मनचलों की नज़र रहती थी ,जब रूबी नाभि प्रदर्शना ढंग से साड़ी पहनकर बाहर निकलती तो लोग फटी आंखों से उसे घूरते रह जाते अपनी इस खूबसूरती का अच्छी तरह अहसास भी था रूबी को और मौका पड़ने पर वह इसका फायदा उठाने से भी नहीं चूकती थी .
रूबी इस मकान में अकेली रहती थी जबकि उसके पति को गुजरात में काम के सिलसिले में कई महीनों तक बाहर रुकना पड़ जाता था .
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन