लेखिका- विनिता राहुरीकर
‘‘पूनम, राज को फोन कर के बता दो कि जिम का केबल टूट गया है और कोने वाली ट्रेडमिल की मोटर जल गई है. और राज आए तो क्रौस ट्रेनर के नटबोल्ट कसने को भी बोल देना. बहुत आवाज कर रहा है,’’ शैली ने कहा.
‘‘अच्छा मैं अभी फोन कर देती हूं,’’ कह कर फ्रंट डैस्क पर बैठी पूनम राज को फोन लगाने लगी. राज जिम का नियमित सर्विसमैन है. जब भी जिम के उपकरणों में कोई खराबी होती है वही आ कर ठीक करता है.
तभी जिम का मालिक विनीत आ गया. विनीत को देख कर शैली के चेहरे पर चमक आ गई. वह विनीत के केबिन में जा कर उस से बातें करने लगी. विनीत के शहर में 4 जिम थे. शैली फिजियोथेरैपिस्ट थी और ट्रेनर भी. वह विनीत को उस दिन के काम का ब्योरा देने लगी और नए ऐडमिशन के बारे में बताने लगी. विनीत प्रसन्न हो गया, क्योंकि शैली ने पिछले हफ्ते में 8 नए ऐडमिशन करवाए थे. विनीत ने उस के काम की तारीफ की तो शैली खुश हो गई. थोड़ी देर बातें करने के बाद विनीत शैली को साथ ले कर अपने दूसरे जिम की ओर चला गया. दूसरे जिम में सब जगह चक्कर लगाने के बाद विनीत और शैली केबिन में जा कर बैठ गए. विनीत घर से नाश्ता ले कर आया था. दोनों बैठ कर नाश्ता करने लगे. 1 घंटा बाद विनीत तीसरे जिम में चला गया. शैली वहीं रह गई और लोगों को ऐक्सरसाइज करने की ट्रेनिंग देने लगी. जिम बंद होने के बाद शैली घर चली गई. वह एक छोटे से बैडरूम वाले फ्लैट में किराए पर रहती थी. शैली कपड़े बदल कर सो गई क्योंकि जिम जाने के लिए वह सुबह साढ़े 4 बजे उठती थी. शाम को वह फिर जिम में चली जाती थी.
शैली सागर की रहने वाली है. उस के पिता एक स्कूल में अध्यापक हैं. शैली 4 भाईबहनों में तीसरे नंबर पर है. उस से बड़ी 2 बहनें और 1 छोटा भाई है. चारों बच्चों के पालनपोषण और पढ़ाईलिखाई का खर्च उस के पिता जैसेतैसे चला रहे थे. वे शाम को ट्यूशन भी पढ़ाते. दरअसल, 2 बड़ी बहनों का विवाह करने में वे गले तक कर्ज में डूब गए थे. शैली फिजियोथेरैपिस्ट की पढ़ाई करने भोपाल आ गई. उस के पिता उस की पढ़ाई और रहने का खर्च उठाने में समर्थ नहीं थे, लेकिन महत्त्वाकांक्षी शैली ने उस तंगहाली से बाहर निकलने के लिए कमर कस ली. थोड़े पैसे ले कर वह भोपाल आ गई. यहां पार्टटाइम नौकरी कर ली और वर्किंग विमंस होस्टल में रह कर अपनी पढ़ाई भी करती रही. पढ़ाई पूरी होने के बाद शैली ने कई जगह नौकरी के लिए कोशिश की. उसी दौरान अपनी एक सहेली के साथ वह विनीत के जिम आई.
जिम के एक ट्रेनर से ही शैली को पता चला था कि विनीत को एक फिजियोथेरैपिस्ट की जरूरत है. शैली विनीत से मिली. खूबसूरत, स्मार्ट शैली के बात करने के अंदाज से विनीत काफी प्रभावित हुआ. उस ने शैली को अपने जिम में बतौर फिजियोथेरैपिस्ट नियुक्त कर लिया. चतुर और महत्त्वाकांक्षी शैली ने बहुत जल्द ही विनीत की नजरों में अपनी साख बना ली. साल भर में ही वह विनीत के चारों जिम के कई महत्त्वपूर्ण काम संभालने लगी. उस ने अपने लिए एक स्कूटी खरीद ली और होस्टल छोड़ कर यह फ्लैट किराए पर ले लिया.
विनीत अपने बहुत कुछ काम शैली को सौंप कर निश्चिंत था. कुशाग्र बुद्धि शैली बहुत जल्द मशीनों के बारे में और ट्रेनिंग के बारे में भी सीख गई. जिम पर ही नहीं उस ने विनीत के दिल पर भी कब्जा कर लिया. पहले साथ में गाड़ी में घूमना, बाहर खाना खाना. फिर एक के बाद एक सीमाएं टूटती गईं और जिस दिन शैली ने होस्टल छोड़ कर फ्लैट में शिफ्ट किया, उस दिन के बाद से तो दोनों के बीच की सारी वर्जनाएं समाप्त हो गईं. यह फ्लैट भी बहुत कम किराए पर विनीत ने ही उसे दिलवाया था. यहां दोपहर में और रात में भी विनीत का आनाजाना प्रारंभ हो गया.
लेकिन जिम की ऐनुअल पार्टी में शैली को यह जान कर गहरा धक्का लगा कि विनीत न सिर्फ शादीशुदा है वरन जल्द ही बाप भी बनने वाला है. शैली उस दिन खूब रोई. 4 दिन तक वह जिम भी नहीं गई. उस ने सागर लौट जाने का फैसला कर लिया, लेकिन तभी विनीत ने अपनी पत्नी को डिलिवरी के लिए अपने मातापिता के पास भेज दिया और छोटे बच्चे की देखभाल के बहाने उसे महीनों अपने पास रखा. इस बीच उस ने शैली को अपनी मीठी बातों से मना लिया. ‘‘मेरी किस्मत का दोष है कि तुम मुझे पहले नहीं मिलीं. प्यार तो मैं तुम से ही करता हूं. तुम मुझे छोड़ कर चली जाओगी तो मैं कैसे जिऊंगा. अगर तुम मेरे जीवन में पहले आ जातीं, तो मैं तुम से ही शादी करता. मेरा सच्चा प्यार तो तुम्हीं हो शैली,’’ वह बारबार बोला तो शैली भावनाओं में बह गई. वैसे भी वह विनीत के साथ शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत गहराई से जुड़ गई थी.
शैली की मां ने उसे बहुत बार वापस बुलाया कि पढ़ाई खत्म हो चुकी है अब वापस आ जाओ, लेकिन बड़ा शहर उस पर विनीत से रिश्ता. और इन सब से ऊपर जिम का आधुनिक व उन्मुक्त ग्लैमरस वातावरण जिन के आकर्षण में वह ऐसी फंस गई कि घर वापस जाने को तैयार नहीं होती थी. फिर दिनबदिन वह चारों जिम की जिम्मेदारियों में उलझती गई. 2 साल बाद विनीत ने अपने दोस्त की सैकंड हैंड कार शैली को दिलवा दी. अब शैली कार से आतीजाती.
जिम के दूसरे ट्रेनर और पुराने कस्टमर शैली और विनीत के रिश्ते के बारे में जानने लगे मगर दोनों को ही कोई कुछ कहता नहीं था. विनीत की प्रतिष्ठा देख कर उसे तो कोई कुछ कहने की हिम्मत करता नहीं था, लेकिन ट्रेनर लोग आपस में बातें करते समय शैली को विनीत की ‘कीप’ यानी रखैल कहते थे. पूनम जो जिम में शैली की अच्छी सहेली थी, उस ने ही यह बात उसे बताई थी. सुन कर शैली को बहुत बुरा लगा मगर करती भी क्या, बात कोई गलत तो थी नहीं, इसलिए खून का घूंट पी कर रह गई. एक दिन शैली की मां का फोन आया, ‘‘बेटा, बहुत अच्छा रिश्ता आया है. लड़का दिखने में भी बहुत अच्छा है और घरपरिवार, रुपयापैसा सब अच्छा है. बस अब तू यहां आ जा.’’
‘‘मां मैं ने कितनी बार कहा है कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती. अभी मेरी उम्र ही क्या है. अभी मुझे पढ़ने और काम करने दो प्लीज,’’ शैली ने उकताहट भरे स्वर में कहा.
‘‘अरी अभी नहीं तो क्या बुढ़ापे में शादी करेगी?’’ शैली की मां झल्ला कर बोलीं.
‘‘ओहो तुम भी मां… आजकल क्या लड़कियां इतनी जल्दी शादी करती हैं? शादी के बाद तो घरगृहस्थी में फंसे रहना है. कम से कम अभी तो मुझे चैन से और अपने मन की जिंदगी जीने दो. 2-4 साल बाद जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करूंगी,’’ शैली हर बार अपनी शादी की बात को 2-4 साल के लिए टाल कर अपनी मां को निरुत्तर कर देती.
दूसरे दिन दोपहर में शैली जिम से घर आई और नहाने गई. नहा कर वह गैलरी में खड़ी हो कर बाल सुखा रही थी कि तभी नीचे पोर्च में विनीत की कार आ कर रुकी. शैली खुश हो गई, क्योंकि आज उस ने जिम में जब पूछा तो विनीत ने मना कर दिया था आने के लिए. विनीत के बैल बजाने से पहले ही शैली ने दरवाजा खोल दिया.
‘‘क्या बात है डार्लिंग, आज तो नहाधो कर फ्रैश हो कर हमारे स्वागत के लिए खड़ी हो?’’ विनीत ने दरवाजा खुलते ही शैली की कमर में अपनी बांह का घेरा डालते हुए कहा.
‘‘चलो हटो. तुम तो आज आने वाले नहीं थे न ?’’ शैली ने बड़ी अदा से कहा.
‘‘अरे जानेमन, हम ने सोचा कि चलो आप को सरप्राइज दें. हम आप के लिए एक तोहफा लाए हैं,’’ कह कर विनीत ने नीचे जा कर 2 आदमियों की सहायता से एक टीवी ऊपर ला कर ड्राइंगरूम में रखवा दिया.
उन आदमियों के जाने के बाद विनीत ने शैली को बांहों में लेते हुए कहा, ‘‘कल मैं इस का कनैक्शन करवा दूंगा. देखा मैं तुम्हारा कितना खयाल रखता हूं. अब तुम भी मेरा थोड़ा खयाल रखो,’’ और विनीत शैली को बैडरूम में ले गया. एक दिन जिम में 2 लड़के आए. उन्होंने 3 महीने का पैकेज लिया. शैली ने दोनों का ऐडमिशन करवा लिया. एक लड़के का नाम आकाश और एक का नाम अनिल था. दूसरे दिन से अनिल और आकाश नियमित रूप से जिम आने लगे. शैली ही उन लोगों को ट्रेनिंग देती. धीरेधीरे शैली को लगने लगा कि आकाश उस में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहा है. वह कुछ भी पूछने या सिखाने के बहाने शैली को अपने आसपास ही बनाए रखता. शैली को भी आकाश अच्छा लगने लगा. वह भी उस के आसपास रहना पसंद करने लगी, क्योंकि आकाश था बहुत हैंडसम. विनीत के अलावा यदि किसी अन्य युवक ने शैली को अपनी ओर आकर्षित किया तो वह आकाश ही था.