जिस तरुण ने कभी मेरी दुनिया बदल कर रख दी थी, ‘परी’ कह कर मुझे मेरे सौंदर्य का आभास कराया था, आज उसी ने मुझे मेरी औकात दिखा दी और मैं आसमान से धड़ाम से जमीन पर आ गई थी.