मुझे अचानक याद आया तो मैं ने कहा, ‘‘आप को सिगार पिए काफी देर हो चुकी है. आप सिगार पी लीजिए.’’
वह मुसकरा कर बोला, ‘‘ओ हां, लेकिन आप के सामने?’’
‘‘कोई बात नहीं, आप को इजाजत है. आप पी लीजिए.’’ उस ने अपनी जेब से सिगार का एक पैकेट निकाला. मैं ने देखा वह वही सिगार का ब्रांड था, जिस का टुकड़ा डा. समर के कमरे से मिला था.
मैं ने इकबाल से कहा, ‘‘आप एक इज्जतदार आदमी हैं और मुझे उम्मीद है कि आप झूठ नहीं बोलेंगे. आप यह बताइए कि हत्या वाली रात 9 बजे से रात 3 बजे तक आप कहां थे?’’
‘‘ओह यह बात है. उस रात मैं 10 बजे से 12 बजे तक समर के पास रहा. फिर अपनी कार से लौट गया.’’
‘‘आप दोनों में तो अनबन थी फिर आप उस के पास कैसे गए?’’
‘‘बात यह है सर, मुझे उस से बहुत मोहब्बत थी. मैं न चाह कर भी उस के क्वार्टर पर चला गया. मैं ने दरवाजा थपथपाया, तो उस ने दरवाजा खोला और हंस कर मेरा स्वागत किया. उस ने मुझे चाय भी पिलाई. मैं ने उस से माफी मांगनी चाही तो वह उखड़ गई. बोली कि मैं ने आप को इसलिए अंदर नहीं बुलाया बल्कि मैं चाहती हूं कि आप मुझे तलाक दे दें.
‘‘उस की बात से मुझे दुख तो बहुत हुआ लेकिन मैं बिना कुछ कहे ही वहां से चला आया. इस के बाद मैं अपने एक मित्र के पास चला गया. अभी मेरा वहां से आने का इरादा नहीं था लेकिन कल अचानक मैनेजर का फोन गया और उस ने मुझे यहां के हालात बताए तो तुरंत आ गया.’’