‘‘कैसे भागभाग कर काम कर रहा है रिंटू.’’ ‘‘हां, तो क्यों नहीं करेगा, आखिर उस की बहन सोना की सगाई जो है,’’ दूसरे शहर से आए रिश्तेदार आपस में बतिया रहे थे और घर वाले काम निबटाने में व्यस्त थे. लेकिन क्यों बारबार भाई है, बहन है कह कर जताया जा रहा था? थे तो रिंटू ओर सोनालिका बुआममेरे भाईबहन, किंतु क्या कारण था कि रिश्तेदार उन के रिश्ते को यों रेखांकित कर रहे थे?

‘‘पता नहीं मामीजी को क्या हो गया है, अंधी हो गईं हैं बेटे के मोह में. और, क्या बूआजी भी नहीं देख पा रहीं कि सोना क्या गुल खिलाती फिर रही है?’’ बड़ी भाभी सुबह नाश्ता बनाते समय रसोई में बुदबुदा रही थीं. रसोई में काम के साथ चुगलियों का छौंक काम की सारी थकान मिटा देती है. साथ में सब्जी काटती छोटी मामी भी बोलीं ‘‘हां, कल रात देखा मैं ने, कैसे एक ही रजाई में रिंटू और सोना...सब के सामने. कोई उन्हें टोकता क्यों नहीं?’’

‘‘अरे मामी, जब उन दोनों को कोई आपत्ति नहीं, उन की माताओं को कुछ दिखता नहीं तो कौन अपना सिर ओखली में दे कर मूसली से कुटवाएगा?’’ बड़ी भाभी की बात में दम था. रिश्तेदार पीठ पीछे बात करते नहीं थकते परंतु सामने बोल कर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? जो हो रहा है, होने दो. मजा लो, बातें बनाओ और तमाशा देखो. जब से सोनालिका किशोरावस्था की पगडंडी पर उतरी, तभी से उस के ममेरे भाई उस से 12 वर्ष बड़े रिंटू ने उस का हाथ थाम लिया. हर पारिवारिक समारोह में उसे अपने साथ लिए फिरता. अपनी गर्लफ्रैंड्स की रोचक कहानियां सुना उसे गुदगुदाता. सोनालिका भी रिंटू भैया के आते ही और किसी की ओर नहीं देखती. उसे तो बस रिंटू भैया की रसीली बातें भातीं. बातें करते हुए रिंटू कभी सोनालिका का हाथ पकड़े रहता, कभी कमर में बांह डाल देता तो कभी उस की नर्म बांहें सहलाता, देखते ही देखते, 1-2 सालों में रिंटू और सोनालिका एकदूसरे से बहुत हिलमिल गए. सोनालिका उसे अलगअलग लड़कियों के नाम ले छेड़ती तो रिंटू उस के पीछे भागता, और इसी पकड़मपकड़ाई में रिंटू उस के बदन के भिन्न हिस्सों को अपनी बाहों में भींच लेता. कच्ची उम्र का तकाजा कहें या भावनाओं का ज्वार, रिंटू की उपस्थिति सोनालिका के कपोल लाल कर देती, उस के नयन कभी शरारत में डूबे रिंटू के साथ अठखेलियां करते तो कभी मारे हया के जमीन में गड़ जाते. हर समारोह में रिंटू उसे ले एक ही रजाई में घुस जाता. ऊपर से तो कुछ ज्यादा दिखाई नहीं देता किंतु सभी अनुभव करते कि रिंटू और सोनालिका के हाथ आपस में उलझे रहते, रजाई के नीचे कुछ शारीरिक छेड़खानी भी चलती रहती.

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