दूसरे दिन कार्तिक सुबह लेट उठा. रात को नींद नहीं आई ठीक से. बाबूजी मौर्निंग वाक पर गए हुए थे. अपार्टमैंट के नजदीक गार्डन था. बाबूजी वहीं जाया करते थे. कभीकभी मां भी चली जाती थी. बाबूजी गार्डन से आए तो कार्तिक नहा कर रैडी हो चुका था. मां नाश्ते की तैयारी कर रही थी. बाबूजी ने आते ही खुशी के मारे कार्तिक को बुलाया.
कार्तिक बोला, ‘‘बाबूजी क्या हुआ बड़े खुश हैं?’’
‘‘हां, बात ही कुछ ऐसी है खुशी की. दीपा तुम भी किचन से बाहर आओ.’’
‘‘क्या हुआ?’’ दीपा किचन से बाहर आतेआते बोली.
‘‘गार्डन में गांव से फोन आया था. अपने पड़ोसी हैं रमेशजी उन की लड़की वाराणसी में रह कर पढ़ाई कर रही है तनुजा. उस के रिश्ते के लिए उन्होंने कहा. अगर तनुजाकार्तिक एकदूसरे को पसंद कर लेते हैं तो दोनों की शादी की जा सकती है,’’ बाबूजी की खुशी साफ चेहरे पर झलक रही थी.
‘‘यह तो बहुत बड़ी शुभ खबर है,’’ दीपा बोली.
‘‘मगर मां पहले भी एक जगह रिश्ता टूट चुका है. फिर टूट जाएगा,’’ कार्तिक टैंशन में था.
‘‘ऐसे कैसे टूट जाएगा? बारबार क्यों टूटेगा,’’ अब बाबूजी भी टैंशन में थे.
‘‘मैं बस बता रहा था कि कहीं यह रिश्ता भी टूट गया तो?’’ कार्तिक बोला.
‘‘ऐसा कुछ नहीं होता है. तुम टैंशन फ्री रहो,’’ मां बोली, ‘‘चलो नाश्ता करो मैं टेबल पर नाश्ता लगाती हूं,’’ मां ने भी खुशी के मारे हलवा भी बना लिया था.
कार्तिक सोच रहा था, इस बार भी शारदा मैम तक बात जाएगी और वह पहले रिश्ते की तरह रिश्ता तुड़वा देगी. पहले भी उस ने ऐसा ही किया था. लड़की वालों को बता दिया था कि कार्तिक आवारा और लफंगा है. शराबी और बिगडैल है. लड़की वालों ने बिना सोचेसमझे रिश्ता तोड़ दिया. शारदा मैम ने उन को यह भी बोला कि एक बार उस से भी जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. आप की लड़की की जिंदगी बरबाद हो जाएगी. ये सब बातें उस लड़की ने बताईं जिस के साथ रिश्ता होने वाला था. अपनी जीत पर खुश हुई थी शारदा मैम. देखती हूं शादी कैसे होती है?