बेशकफेसबुक पर अपनी खराब से खराब डैस्कटौप पिक डाल लेना या फिर अपना स्टेटस कौंप्लिकेटेड अथवा 4-5 बौयफ्रैंड्स वाला डालने से भी परहेज मत करना, पर एक कौमेडियन से शादी भूल कर भी न करना.
मैं उस दिन को कोस रही हूं जब मैं एक शादी समारोह में ऐसे ही दुनिया के विरले अजूबे को दिल दे बैठी थी. मेरी अक्ल घास चरने चली गई थी कि मुझे भी वही दिखाई दे रहा था, जो सब देख रहे थे. एक के बाद एक चुटकुले जो उफान खाई नदियों, नालों, झरनों की तरह कलकल करते हुए उन के भोलेभाले मुख से प्रवाहित हुए जा रहे थे. उन्होंने मेरे दिल पर समंदर बना दिया. मैं अपनी इसी कारस्तानी का खमियाजा आज तक भुगत रही हूं.
मांबाप ने बहुत समझाया, ‘‘बेटा, ऐसे लड़के घरगृहस्थी संभालने लायक नहीं होते. बस शोरूम में सजे महंगे सामान की तरह होते हैं. उन्हें चाहे सेल पर भी बेचा जाए, तब भी वहीं अच्छे लगते हैं. हम मिडिल क्लास वाले इन्हें अफोर्ड नहीं कर सकते. यह तुझे तानोंउलाहनों से नहीं, अपितु चुटकुलों से हंसाहंसा कर मार डालेगा.’’
दुनिया देखी थी उन्होंने. मैं बावली, नादान यह सोच कर मरी जा रही थी कि शायद दुनिया का यह आखिरी आदमी है, जो मेरे लिए बचा है. मैं ने मांबाप की एक न सुनी और आज पछता रही हूं.
कितना मनहूस दिन था वह जब मेरी सगाई हुई थी. सारे रिश्तेदार, चुटकुलों और इन की हाजिरजवाबी पर हंसहंस कर लोटपोट हो रहे थे और मैं भी फूल कर गोलगप्पा हुई जा रही थी.
‘‘तुम खुशकिस्मत हो, जो तुम्हें ऐसा पति मिला,’’ सब बधाई के साथ यह कह रहे थे, तो मैं अपनी किस्मत पर खूब इतरा रही थी.
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