औफिस में रोजी पीछे की सीट से उठ कर आगे शिल्पा की बगल में आ कर बैठ गई. बोली, ‘‘शिल्पा सुनो तुम्हारा 40वां बर्थडे आ रहा. क्या प्लान किया है? हमें भी तो कुछ बताओ?’’
‘‘रोजी, तुम देखना पार्टी को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी. यह सबकुछ डिफरैंट लुक स्टाइल में होगा,’’ अल्पना धीरे से बोली, ‘‘हम सब ने 1-1 कर के 4 दशक पार कर ही लिए अब तुम ही बची हो, हा... हा... हा...’’
औफिस से निकल कर शिल्पा कार से घर चल दी. घर में घुसी तो किचन से चाय उबलने की सुगंध से उस के पैर किचन की तरफ बढ़ गए. वहां औफिस से आ कर श्रीमानजी किचन में चाय बना रहे थे.
शिल्पा को किचन में आया देख कर बोले, ‘‘शिल्पा चाय पीओगी.’’
‘‘श्योर हाफ कप मेरे लिए भी बना लेना, मैं चेंज कर के आती हूं.’’
स्वप्निल ने चाय बन जाने पर 2 कप में डाल बालकनी में ले आया. सोचने लगा आज तो शिल्पा कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रही है. शिल्पा कहीं कोई न कोई डिमांड न जरूर करती है. अकसर जब वह ज्यादा खुश दिखाई देती है तो... स्वप्निल ने बालों को पीछे की ओर झटक कर चाय का एक घूंट पीया. तब तक शिल्पा भी आ गई. स्वप्निल के हाथ से कप ले कर निगाहें सड़क पर जमा दीं. आतेजाते लोगों को देखने लगी.
‘‘शिल्पा क्या सोच रही हो?’’
‘‘स्वप्निल मेरा बर्थडे आने वाला है. इसे में औफिस की दोस्तों के साथ मिल कर यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हूं.’’
‘‘मैं अब समझ, तुम इतनी खुश क्यों दिखाई दे रही हो. बेगम साहिबा आगे कहो मैं क्या खिदमत कर सकता हूं?’’