आगे बढ़ने की चाह हर किसी की होती है. स्वर्णा की मां भी आगे बढ़ना चाहती थीं, समाज में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं, इस के लिए उन्हें कुछ अहम फैसले लेने पर विवश होना पड़ा.