‘‘तन्वी... तन्वी... सुनो तो. मैं तुम से बस 1 मिनट बात करना चाहता हूं.’’
‘‘मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी,’’ उसी शाम अपनी शादी के लिए दुलहन वेश में सजने के लिए सामने ब्यूटीपार्लर की ओर तेज कदमों से बढ़ती तन्वी ने अपने ऐक्स बौयफ्रैंड पदम से झंझलाते हुए गुस्से से कहा.
‘‘प्लीज तन्वी, एक बार मेरी बात सुन लो. बस एक बार. प्लीज. बस यह सामने रैस्टौरैंट में बैठ कर थोड़ी बात करते हैं. प्रौमिस, 10 मिनट से ज्यादा तुम्हारा समय नहीं लूंगा.’’
‘‘उफ... मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी. पीछा छोड़ो मेरा,’’ तन्वी ने अपनी चाल तेज करते हुए कहा.
‘‘तन्वी... बस 10 मिनट. आखिरी बार,’’ उस की चिरौरी करते हुए वह तन्वी का रास्ता रोकते हुए उस के एकदम सामने आ गया और फिर बोला, ‘‘चलो, सामने रैस्टौरैंट में बैठते हैं.
विवश तन्वी और उस की बहन बड़े बेमन से उस के साथसाथ चल दीं. रैस्टौरैंट में एक खाली टेबल के सामने खड़ेखड़े तन्वी उस से बोली, ‘‘जल्दी बोलो क्या बोलना है? मेरे पास बिलकुल टाइम नहीं.’’
‘‘तन्वी, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती हो? जब से तुम मुझे छोड़ कर गई हो, मैं जैसे अंगारों पर लोट रहा हूं. मैं इतनी तकलीफ मैं हूं कि बता नहीं सकता. मेरी जिंदगी में वापस आ जाओ तन्वी. प्लीज, आई बैग यू.’’
‘‘यह क्या बेहूदगी है पदम? यह क्या टाइम है इन बातों का? हटो मेरे रास्ते से और मुझे जाने दो. मेरे पास तुम्हारी इस बकवास के लिए टाइम नहीं,’’ कहते हुए तन्वी वहां से जाने लगी कि फिर से उसका रास्ता रोकते हुए पदम उस से बोला, ‘‘तुम मुझे छोड़ कर किसी और की नहीं हो सकती. तुम्हारे बिना मैं मर जाऊंगा.’’
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