संदीप और विनीता के बीच बढ़ती घनिष्ठता मेरे लिए एक पहेली बनती जा रही थी. इस पहेली को सुलझाने का मैं ने प्रयास किया तो पाया कि इस के सभी सूत्र मुझ से शुरू हो कर मुझ पर ही वापस आते हैं.